-कोरोना रोकने के लिए साप्ताहिक लॉकडाऊन व रात का कफ्र्यू तर्कहीन बातें -जरनैल सिंह
चंडीगड़, 21 अगस्त 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने अमरिन्दर सिंह सरकार की ओर से कोरोना रोकने के नाम पर प्रदेश में साप्ताहिक लॉकडाऊन और रात के कफ्र्यू को पूरी तरह तर्कहीन बताते हुए दोष लगाया कि वास्तव में रात का कफ्र्यू रेत माफिया, नशा और शराब तस्करों को बेखौफ अपना अवैध कार्य करने के लिए थोपा गया है।
शुक्रवार को मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा और पंजाब मामलों के इंचार्ज जरनैल सिंह और विपक्ष में उप नेता बीबी सरबजीत कौर माणूंके ने कहा कि दिन-ब-दिन बढ़ रही कोरोना महामारी को रोकने के नाम पर पंजाब सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदम हैरान और निराश करन वाले हैं, क्योंकि पंजाब सरकार की ओर से शनिवार और रविवार को साप्ताहिक लॉकडाऊन और हर रोज शाम 7 बजे से लेकर प्रात:काल 5 बजे तक रात का कफ्र्यू लगाने का मापदंड किसी भी तर्क और मापदंड पर खरा नहीं उतरता। ऐसे हास्यास्पद कदम न केवल सरकार की समझ बल्कि नीयत पर गंभीर सवाल उठाते हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने सीधा दोष लगाया कि रात का कफ्र्यू मुख्यमंत्री और उस के चहेते सत्ताधारियों के संरक्षण मेंचल रहे रेत माफिया नशा और शराब तस्करी को रात के अंधेरे और सुनसान सडक़ों पर बेखौफ अपने अवैध कार्य करने के लिए पंजाब के लोगों पर थोपा गया है।
जरनैल सिंह ने दिल्ली सरकार की तरफ से कोरोना का प्रकोप रोकने के लिए उठाए कदमों का हवाला देते हुए कहा कि कफ्र्यू लॉकडाऊन का वैज्ञानिक तौर पर तब ही लाभ मिल सकता है, यदि यह कम से कम 14 दिन पूरी तरह लागू किया जाए और सरकारें जरुरी प्रबंध कर सकें, परंतु अमरिन्दर सिंह सरकार देश में सबसे पहले कफ्र्यू लगा कर अपनी पीठ तो थपथपाती रही परंतु 3 माह की मुकम्मल लॉकडाऊन कफ्र्यू के दौरान पंजाब सरकार ने सरकारी अस्पतालों डिस्पैंसरियों और विशेष कोरोना केयर सैंटरों, आईसीयू, बैडों और वेंटिलेटर समेत कोई भी ढांचागत तैयारी नहीं की। जिस कारण अब पंजाब में कोरोना बेकाबू होता जा रहा।
जरनैल सिंह के अनुसार घनी आबादी और देश की राजधानी और सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय के कारण दिल्ली में कोरोना का हमला पंजाब की अपेक्षा कहीं अधिक प्रचंड था, परंतु दिल्ली सरकार ने बेहद गंभीरता और कोरोना रोकने के लिए हर बेहतरीन मॉडल अपनाए और सबका सहयोग लेकर कोरोना पर सफलता पूर्वक काबू पा लिया। आज दिल्ली में कोरोना पॉजेटिव एक्टिव मामलों की संख्या 11,271 और पंजाब में 13,830 है। दिल्ली में कम आबादी होने के बावजूद पौने 14 लाख टैस्ट हो चुके हैं, जबकि पंजाब में 8 लाख 40 हजार टैस्ट ही हुए हैं। दिल्ली में सरकारी अस्पतालों और कोरोना केयर सेंटरों में बेहतरीन सहूलतों के कारण रिकवरी रेट (ठीक होने की दर) 90.1 प्रतिशत है और पंजाब में 60.9 प्रतिशत ही है।
‘आप’ नेताओं ने अमरिन्दर सिंह सरकार को ‘फार्म हाऊस’ से बाहर निकल कर दिल्ली मॉडल अपनाने पर जोर दिया।

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