यक को बेअदबी विरोधी चयन कमेटी का मैंबर क्यों बनाया गया
सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने पूछा कि किसके आदेश पर मलेरकोटला डी.सी ने डीए को पत्र लिखकर बेअदबी के आरोपी नरेश यादव के खिलाफ शिकायत वापिस लेने की सिफारिश की थी
चंडीगढ़/23जुलाई 2025
शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता स. परमबंस सिंह रोमाणा ने आज आम आदमी पार्टी के कनवीनर अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान से पंजाबियों को यह बताने के लिए कहा कि कुरान शरीफ मामले में मुख्य आरोपी का समर्थन करने वाले उनके विधायक मोहम्मद जमील उर रहमान को बेअदबी विरोधी विधेयक की चयन कमेटी का मैंबर क्यों बनाया गया?
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि मोहम्मद जमील ने आप विधायक नरेश यादव का सक्रिय रूप से समर्थन किया था, जब उन पर मलेरकोटला बेअदबी मामले में मुकदमा चल रहा था।उन्होने कहा,‘‘ मोहम्मद जीमल उस करीबी गुट का हिस्सा थे, जो सभी सुनवाइयों में शामिल हुए और यादव को बचाने की पूरी कोशिश की तथा बाद में उनके इन प्रयासों के लिए मलेरकोटला से पार्टी की टिकट देकर सम्मानित भी किया गया।’’
यह कहते हुए कि इससे आप सरकार का इरादा साफ जाहिर हो जाता है कि इस मुददे पर राजनीति करने के लिए ही चयन कमेटी का गठन किया गया था, सरदार रोमाणा ने संगरूर के डिप्टी कमिशनर द्वारा 15 नवंबर 2024 को जिला अटाॅर्नीको लिखे गए पत्र का भी खुलासा किया। उन्होने कहा कि पत्र में बताया गया है कि शिकायत कर्ता मोहम्मद अशरफ शिकायत को आगे नही बढ़ाना चाहते और इसीलिए एस.एस.पी से केस वापिस लेने का अनुरोध भी किया था और डाॅयरेक्टर, अभियोजन एवं मुकदमा ने भी बताया था कि उनके कार्यालय को केस वापिस लेने पर कोई आपत्ति नही है।
सरदार रोमाणा ने कहा कि केजरीवाल और मुख्यमंत्री दोनों को स्पष्ट करना चाहिए कि किसके आदेश पर डिप्टी कमिशनर ने बेअदबी के मामले के मुख्य आरोपी को दोषी ठहराए जाने से एक महीने पहले उसकी मदद के लिए पत्र जारी किया था।उन्होने कहा,‘‘ सरकार को यह भी बताना चाहिए कि उन अधिकारियों के खिलाफ कोइ कार्रवाई क्यों नही की गई, जिन्होने बेअदबी के अपराधी यादव को सजा मिलने के बाद बचाने की पूरी कोशिश की थी।’’
यह कहते हुए कि यह पहली बार नही है कि जब आप सरकार ने दोषियों का संरक्षण किया है, सरदार रोमाणा ने कहा कि 2021 में भी सरकार ने राम रहीम पर धारा 295(ए) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया था, जबकि उसी मामले में अन्य दोषियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई थी।
अकाली नेता ने कहा कि बेअदबी के मुददे पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता परगट सिंह की निंदा करते हुए कहा कि परगट सिंह ने बेअदबी के मामलों में कार्रवाई न करने का दोष पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर मढ़ दिया और यह कहकर खुद को सारी जिम्मेदारियों से मुक्त करने की कोशिश की कि कैप्टन अमरिंदर के हटने के बाद मामले में कार्रवाई करने में कम समय बचा है। उन्होने परगट से यह बताने के लिए कहा कि अगर सरकार के पास बेअदबी के मामलों को आगे बढ़ाने के लिए समय नही था तो चार डी.जी.पी , चार बी.ओ.आई प्रमुख और तीन ए.जी कैसे बदले जा सकते हैं और वरिष्ठ अकाली नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया पर झूठा मामला कैसे लगाया जा सकता है।

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