शिरोमणी अकाली दल पी.यू में लोकतंत्र को समाप्त करने और इसे केंद्रीय नियंत्रण में लाने के  केंद्र के फैसले के खिलाफ 10 नवंबर के संयुक्त विरोध का तहे दिल से समर्थन करेगा: बीबा हरसिमरत कौर बादल

चंडीगढ़/ 07नवंबर 2025

शिरोमणी अकाली दल की वरिष्ठ नेता और बठिंडा सांसद बीबा हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा है कि पार्टी पी.यू में लोकतंत्र को समाप्त करने और इसे सीधे केंद्र के नियंत्रण में लाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ 10 नवंबर के संयुक्त विरोध प्रदर्शन का तहे दिल से पुरजोर समर्थन करेगा।

पंजाब विश्वविद्यालय के बुनियादी स्वरूप को बदलने की मांग करने वाली केंद्रीय अधिसूचना के खिलाफ परिसर में धरने पर बैठे छात्रों से बातचीत करते हुए बीबा बादल ने कहा,‘‘ यह अधिसूचना जिसे हर तरफ से विरोध के कारण अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है, यह न केवल पंजाब यूनिवर्सिटी के कामकाज में लोकतंत्र को समाप्त करने का प्रयास है, बल्कि संस्थान पर पंजाब के नियंत्रण को भी पूरी तरह से हमेशा के लिए कमजोर करना चाहता है।’’

बीबा बादल ने छात्रों को आश्वासन देते हुए कहा कि पार्टी किसी भी कीमत पर इस साजिश को सफल नही होने देगी। उन्होने कहा,‘‘ हम यह सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन करेंगें कि अधिसूचना पूरी तरह से वापिस ले लिया जाए।’’

बठिंडा सांसद ने यह भी बताया कि कैसे केंद्र पंजाब के अधिकार छीन रहा है। उन्होने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से दो पूर्णकालिक सदस्यों को अपने बोर्ड में नियुक्त करने का फैसला किया है, जिससे पंजाब के नियंत्रण को कमजोर कर दिया गया है। उन्होने कहा,‘‘ अब सिंडिकेट में चुनाव समाप्त करके और सीनेट को मनोनीत और पदेन सदस्यों की संस्था में बदलकर केंद्र ने पंजाब यूनिवर्सिटी पर सीधा नियंत्रण कर लिया है, जो पंजाब की विरासत का अमूल्य हिस्सा है।’’

बीबा बादल ने कहा यह बेहद निंदनीय है कि यह कदम उठाने से पहले पंजाबियों से सलाह तक नही ली गई। उन्होने कहा कि चंडीगढ़ के काॅलेजों के अलावा पंजाब के 200 से ज्यादा काॅलेज यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं। उन्होने कहा कि पंजाबियों को न केवल यूनिवर्सिटी का प्रबंधन करने का अधिकार है, बल्कि उनकी नियुक्तियों और इन संस्थानों में पढ़ाए जाने वाले पाठयक्रम का प्रबंधन करने का भी पूरा अधिकार है। उन्होने इसे राज्य की पहचान पर हमला करार देते हुए कहा,‘‘ यह बेहद निंदनीय है कि इसे हमारे हाथोें से छीना जा रहा है।’’

इस अवसर पर छात्र नेताओं ने अकाली दल से एक क्षेत्रीय पार्टी होने के नाते अधिसूचना के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई करने का आग्रह किया। इस अवसर पर मौजूद सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बदल यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगें। उन्होने यूथ अकाली दल और भारतीय छात्र संगठन, दोनों के नौजवान कार्यकर्ता इस मुददे पर लड़ाई में आंदोलन करने वाले छात्रों की मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होने कहा,‘‘ हम पंजाब के हितों की रक्षा करने के लिए और इस लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक लेकर जाने के लिए वचनबद्ध हैं।’’