कुलदीप धालीवाल का रंधावा पर तीखा हमला, कहा- कैप्टन की तारीफ करने वाले सुखजिंदर रंधावा भाजपा में जाने की कर रहे हैं तैयारी

सत्ता के भूखे कैप्टन और रंधावा दोनों अपने बयानों से कच्चे हैं: पन्नू
चुनाव अमन-शांति से संपन्न हुए, विरोधियों के झूठे प्रचार की हवा निकली: धालीवाल

अमृतसर/चंडीगढ़, 15 दिसंबर 2025

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के मुख्य प्रवक्ता और विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने पंजाब में ब्लॉक समिति और जिला परिषद चुनावों के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होने पर पंजाबियों का धन्यवाद किया।

जिला अध्यक्ष अमृतसर-शहरी प्रभबीर सिंह बराड़ के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए धालीवाल ने कहा कि बीते कल यानी 14 तारीख को पंजाब के लोगों ने बड़े अमन-चैन से वोट डालकर विरोधियों के उस झूठे प्रचार का मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है या बैलेट पेपर लूटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के साढ़े बारह हजार गांवों में से महज कुछ जगहों को छोड़कर पूरे पंजाब में चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही।

वहीं कांग्रेसी नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तारीफ करने पर धालीवाल ने कहा कि रंधावा का यह बयान भाजपा में शामिल होने के लिए रास्ता साफ करने की एक कोशिश है।

धालीवाल ने कहा कि रंधावा द्वारा अचानक कैप्टन अमरिंदर सिंह की तारीफ करना कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने पूछा कि जब 2021 में कैप्टन को गद्दी से उतारा गया था, तब सुखी रंधावा ही सबसे आगे होकर कैप्टन पर आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने गुटका साहिब की कसम खाकर भी नशे की कमर नहीं तोड़ी और न ही घर-घर नौकरी दी। धालीवाल ने कहा कि आज रंधावा जी स्पष्ट करें कि कैप्टन तब सही थे या आज सही हैं? असल में रंधावा और कैप्टन दोनों ही अपनी जुबान के कच्चे हैं।

धालीवाल ने दावा किया कि सुखजिंदर रंधावा के बयानों से साफ है कि वह कांग्रेस की नैया डुबोकर भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के परिवार का इतिहास रहा है कि वह हमेशा सत्ता के साथ चलते हैं, चाहे मुगलों का समय हो, अंग्रेजों का, कांग्रेस का या अब भाजपा का। कैप्टन परिवार बिना सत्ता के रह ही नहीं सकता।

‘आप’ नेता ने कहा कि पंजाब के लोग इन मौकापरस्त नेताओं को अच्छी तरह जानते हैं। जैसे 2022 में लोगों ने कांग्रेस को नकारा था, आने वाले समय में इससे भी बुरा हाल होगा। उन्होंने कहा कि सुखी रंधावा जैसे नेता, जो खुद मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में थे, आज भाजपा की सीनियर लीडरशिप से संपर्क बनाकर अपना सियासी भविष्य तलाश रहे हैं, लेकिन पंजाबी अब इनकी चालों में नहीं आएंगे।