बागबानी विभाग खेतीबाड़ी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भारत के सभी राज्यों से आगे रहा: मोहिंदर भगत
खेतीबाड़ी के 30,000 से अधिक प्रोजेक्टों के लिए 7100 करोड़ रुपये ए.आई.इफ. स्कीम के तहत मंजूर
बागबानी विभाग के निरंतर प्रयासों से प्रदेश में बागबानी के तहत क्षेत्र बढ़कर 5,21,000 हेक्टेयर हुआ
फसली विविधता की ओर प्रदेश सरकार का विशेष ध्यान, किसानों को आधुनिक तकनीक से अवगत कराने के लिए लुधियाना में लाढोवाल में अति-आधुनिक बागबानी विकास केंद्र की स्थापना
अपणा पिंड-अपणा बाग’ अभियान की शुरुआत से बागबानी क्षेत्र को मिली नई दिशा
प्रदेश के गांवों की पंचायती जमीनों पर फलदार पौधे लगाने का काम शुरू, गांव आर्थिक रूप से हो सकेंगे आत्म-निर्भर
राष्ट्रीय बागबानी मिशन के तहत किसानों को नए बाग लगाने, सब्जियां और फूलों की खेती, बी-कीपिंग करने के लिए 1575 लाख रुपये वित्तीय सहायता जारी
स्टेट प्लान स्कीम के तहत फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए 17.40 लाख रुपये की सब्सिडी जारी
पोस्ट हार्वेस्ट हैंडलिंग स्कीम के तहत 23.26 लाख रुपये की सब्सिडी जारी
मशरूम की छोटी यूनिटों को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को 54.66 लाख रुपये की वित्तीय सहायता जारी
पॉली-हाउस का कवर मटेरियल बदलने के लिए 140.51 लाख रुपये की सब्सिडी जारी
सब्जी उगाने वाले बाढ़ पीड़ित किसानों को विशेष राहत के रूप में वास्तविक लागत पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी
चंडीगढ़, दिसंबर 24, 2025
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार प्रदेश में बागबानी क्षेत्र का विस्तार करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। बागबानी मंत्री श्री मोहिंदर भगत के निर्देशों के तहत बागबानी विभाग किसानों को परंपरागत फसलों के अलावा फसली विविधता अपनाने के लिए पूरी सहायता प्रदान कर रहा है। बागबानी क्षेत्र को प्रफुल्लित करने के लिए विभिन्न स्कीमों के तहत किसानों को सब्सिडियां दी जा रही हैं। बागबानी का अधिकतम लाभ लेने के लिए किसानों को अति-आधुनिक तकनीक के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है। बागबानी विभाग ने साल 2025 के दौरान विभिन्न पहलकदमियां कीं और नई ऊंचाइयों को छुआ है।
बागबानी मंत्री श्री मोहिंदर भगत ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि बागबानी विभाग खेतीबाड़ी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पिछले साल की तरह इस वर्ष भी भारत के सभी राज्यों से आगे रहा है। उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (ए.आई.इफ.) केंद्रीय स्कीम को प्रदेश में सुव्यवस्थित ढंग से लागू करने के लिए बागबानी विभाग नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक खेतीबाड़ी के 30,000 से अधिक प्रोजेक्टों के लिए 7100 करोड़ रुपये के ए.आई.इफ. स्कीम के तहत ऋण मंजूर किए गए हैं।
बागबानी मंत्री ने कहा कि मान सरकार प्रदेश में बागबानी को प्रफुल्लित करने और किसानों की आय बढ़ाने की ओर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि बागबानी विभाग के निरंतर प्रयासों से प्रदेश का बागबानी के तहत क्षेत्र 4,81,616 से बढ़कर अब 5,21,000 हेक्टेयर हो गया है।
उन्होंने बताया कि बागबानी क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन देने और किसानों को आधुनिक तकनीक से अवगत कराने के लिए लुधियाना में लाढोवाल में अति-आधुनिक बागबानी विकास केंद्र स्थापित किया जा रहा है। यह केंद्र वन-स्टॉप ज्ञान केंद्र के रूप में काम करेगा और प्रदेश भर के किसानों को गेहूं-धान के फसली चक्र से उच्च मूल्य वाली बागबानी फसलों की ओर प्रेरित करेगा।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ‘अपणा पिंड-अपणा बाग’ अभियान की शुरुआत की गई है। इससे बागबानी क्षेत्र को नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत गांवों की पंचायती जमीनों पर फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। इन बागों से होने वाली आय संबंधित गांव की पंचायत द्वारा गांव के विकास पर खर्च की जाएगी।
उन्होंने कहा कि नेशनल हॉर्टीकल्चर मिशन के तहत किसानों को नए बाग लगाने, सब्जियां और फूलों की खेती, मशरूम, बी-कीपिंग के लिए 1575 लाख रुपये वित्तीय सहायता के रूप में दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि स्टेट प्लान स्कीम के तहत फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए बागबानी विभाग द्वारा किसानों को 14,000/- रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जा रही है। इस स्कीम के तहत किसानों को चालू वित्तीय साल के दौरान 17.40 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पोस्ट हार्वेस्ट हैंडलिंग स्कीम के तहत फलों और सब्जियों की तुड़ाई के बाद प्लास्टिक क्रेट और कार्टन बॉक्स पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। इस स्कीम के तहत किसानों को चालू वित्तीय साल के दौरान 23.26 लाख रुपये की सब्सिडी जारी की गई है।
उन्होंने कहा कि ‘बिजली और पानी बचाओ स्कीम’ के तहत ड्रिप और बाग लगाने वाले किसानों को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ इंसेंटिव दिया जा रहा है। इस साल 47.56 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है। उन्होंने बताया कि पॉली-हाउस का कवर मटेरियल बदलने के लिए भी 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जा रही है। चालू वित्तीय साल के दौरान 140.51 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है।
मंत्री ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि मशरूम की छोटी यूनिटों को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को 80 हजार रुपये सब्सिडी के रूप में देने की व्यवस्था की गई है। किसानों को इस वर्ष 54.66 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि निर्यात-आयात विविधता को प्रोत्साहित करने के लिए इंडो-डच समझौते के तहत खेड़ी, संगरूर में प्याज के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में तीन एस्टेट- नाख एस्टेट, अमृतसर, लीची एस्टेट, पठानकोट और अमरूद एस्टेट पटियाला की स्थापना की गई है। जिससे प्रदेश में फलों की अधिक पैदावार और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
बागबानी मंत्री ने बताया कि मान सरकार द्वारा सब्जी उगाने वाले बाढ़ पीड़ित किसानों को विशेष राहत देने के उद्देश्य से उनकी वास्तविक लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा सब्सिडी के रूप में दिया जा रहा है।
इसके अलावा बागबानी मंत्री ने कहा कि राज्य में बागबानी को प्रफुल्लित करने के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और वे खुशहाल जीवन बिता सकेंगे।

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