उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि बेशक वे क्षेत्र पिछडे हुए है परंतु उनकी भारत में अपनी एक अलग पहचान हैं। आदिवासी समुदाय अपनी विष्शिट संस्कृति के कारण देशभर में पहचाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सरकारे निरंतर प्रयासरत हैं। यह कार्यक्रम आप सभी प्रतिभागियों के लिए जीवन भर का एक अनुभव बने इसके लिए वो इन 7 दिनों में अधिक से अधिक सीखने का प्रयास करें। NITTTR के निदेषक प्रो. बीआर गुर्जर, ने कहा कि संसाधनों के अभाव में भी यदि मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हमारे लक्ष्य में कोई बाधा नहीं आती हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में इन युवाओं के लिए सीखने के लिए बहुत कुछ हैं जो वे यहां से सीखे और उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें। यदि जीवन में कोई लक्ष्य हासिल करने का ठान लिया जाए तो संसधानों की कमी कभी आडे नहीं आती हैं। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए जिला युवा अधिकारी संजना वत्स ने बताया कि इस 15वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम में नक्सलवाद से प्रभावित 9 जिलों आंध्रप्रदेश के विशाखापट्नम, झारखंड के छतरा, गुमला, लातेहर, पश्चिम सिहंभूम, महाराष्ट्र के गढचिरौली व उड़ीसा के कांदमल, कालाहांडी, मलकानगिरी के 200 प्रतिभागी जिसमें 100 युवक व 100 ही युवतियां कार्यक्रम में भाग ले रहें हैं।
7 दिवसीय आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम का चंडीगढ़ में शुभारंभ
— नेहरू युवा केंद्र द्वारा 10 से 16 अक्टूबर तक चंडीगढ में आयोजित किया जा रहा हैं 15वां आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम
— कार्यक्रम में उडीसा, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश व झारखंड के 9 आदिवासी जिलों के 200 युवा भाग ले रहें हैं
चंडीगढ़।
नेहरू युवा केंद्र चंडीगढ द्वारा गृह मंत्रालय के सहयोग से चंडीगढ में 10 से 16 अक्टूबर तक 15वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलवार हुआ। सेक्टर 26 स्थित NITTTR में आयोजित इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में चंडीगढ प्रशासक के सलाहाकार आईएएस धर्ममाल, अतिरिक्त उपायुक्त रूपेश कुमार आइएस, NITTR के निदेशक प्रो. बीआर गुर्जर, नेहरू युवा केंद्र संगठन के राज्य निदेशक परमजीत सिंह व जिला युवा अधिकारी संजना वत्स ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में भाग ले रहे प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए चंडीगढ प्रशासक के सलाहाकार आईएएस धर्ममाल सिंह ने कहा कि इस प्रकार यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम हमारे जीवन में बहुत कारगर भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने बताया कि 7 दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आदिवासी युवाओं के लिए विभिन्न विषयों पर जागरूकता सत्रों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आदिवासी क्षेत्रों की समस्याएं व उनका समाधान, जल,जंगल जमीन, आदिवासी युवाओं के लिए विभिन्न क्षेंत्रों में सरकार की योजनाएं व अवसर, देशभक्ति व राष्ट्र निर्माण, महिला सशक्तिकरण जैसे विषय षामिल रहेंगे। इसके अलावा इन युवाओं को चंडीगढ के विभिन्न शैक्षणिक, औद्योगिक व पर्यटन स्थलों का भी भ्रमण करवाया जाएगा।

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