मिशन फतहः
गर्भवती महिलाओं को टेली-मैडिसन सलाह देने के लिए 70 गाइनकालजिस्टों को दिया विशेष प्रशिक्षण
अप्रैल से जून तक 90,463 ऐंटीनेटल चैकअप रजिस्टर्ड,
चंडीगढ़, 1 अगस्तः
कोरोना वायरस से गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने गर्भवती महिलाओं को टेली-मैडिसन सलाह-मशवरे के लिए 70 गाइनकालजिस्टों को विशेष प्रशिक्षण दिया है। इसके अलावा कोविड-19 पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की प्रसूतियांे के लिए सभी जिला अस्पतालों में अलग लेबर रूम स्थापित किये गए हैं।
एक प्रैस बयान के द्वारा जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि सभी सिविल सर्जनों को गाइनकालजिस्ट द्वारा टेली-मैडिसन सलाह के साथ-साथ आम ओपीडी सेवाएं जो कि ‘ई- संजीवनी’ ऐप पर उपलब्ध हैं, को उत्साहित करने के लिए निर्देश जारी किये गए हैं। उन्होंने कहा कि अब ऐप ऐंड्रॉयड मोबाइल पर आसानी से उपलब्ध है इसलिए लैपटॉप / कंप्यूटर पर कोई निर्भरता नहीं है। कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल फोन का प्रयोग करके ऑनलाइन स्वास्थ्य सलाह की मुफ्त सेवाएं प्राप्त कर सकता है। यह उन गर्भवती महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हुआ है जो कोविड-19 के डर के कारण जनरल ओपीडी में जाने से कतराती थीं। हालाँकि, ए.एन.सी. प्रोग्राम ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं को यकीनी बनाने के लिए तालाबन्दी के बाद सभी एच डब्ल्यू सी / एससी में निरंतर कार्यशील रहा है।
श्री सिद्धू ने बताया कि अप्रैल से जून, 2020 तक कुल 90,463 ए.एन.सी रजिस्टर्ड हुए और राज्य में 63,827 प्रसूतियां हुईं।
उन्होंने आगे कहा कि गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान कोविड-19 टैस्ट लाजिमी कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत अप्रैल से जून तक कोविड-19 के लिए 12,479 गर्भवती महिलाओं का टैस्ट किया गया था, जिनमें से 118 का टैस्ट पॉजिटिव आया। उन्होंने कहा कि कोविड मरीजों की 56 प्रसूतियां सरकारी अस्पतालों में हुईं, जिनमें से 20 आम और 36 ऑपरेशन के द्वारा सफलतापूर्वक करवाई गई हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि पंजाब भर में मानक स्वास्थ्य सेवाओं को यकीनी बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।
मंत्री ने कहा कि जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सुरक्षा सेवाएं राज्य में निर्विघ्न जारी हैं क्योंकि हमारे स्वास्थ्य संभाल अमले ने सुरक्षित प्रसूतियां करवाईं और गर्भवती महिलाओं को प्रसूती से पहले की देखभाल (ऐंटीनेटल चैकअप) मुहैया करवाई। राज्य से सभी जिलों में नॉन-कोविड जरूरी सेवाओं को जारी रखने सम्बन्धी नियमित हिदायतें दी जा रही हैं।
राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों को इलाज की सहूलतें मुहैया करने वाले प्राईवेट अस्पतालों की दरें निर्धारित की हैं और साथ ही प्राईवेट अस्पतालों को सरकार द्वारा भेजे गए मरीजों को तीसरे स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के निर्देश दिए हैं।

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