सर्वदलीय बैठक में गरजी `आप’, कहा पंजाब के अेर टुकड़े न करे केंद्र

BHAGWANT MANN
ਸਰਬ ਪਾਰਟੀ ਬੈਠਕ 'ਚ ਗ਼ਰਜ਼ੀ 'ਆਪ', ਕਿਹਾ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਹੋਰ ਟੁਕੜੇ ਨਾ ਕਰੇ ਕੇਂਦਰ
 -चन्नी बताएं क्या डील हुई कि मोदी-शाह से बैठक के बाद भी बीएसएफ के हवाले हो गया आधा पंजाब: भगवंत मान 
 -मनमोहन सरकार के समय पी. चिदंबरम लेकर आए बीएसएफ कानून, बादलों की चुप्पी भी संदिग्ध 
 -विधानसभा का सत्र बुलाकर रद्द किए जाएं बीएसएफ और काले कृषि कानून: हरपाल सिंह चीमा  
 -बीएसएफ मामले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दी जाएगी चुनौती: अमन अरोड़ा 

चंडीगढ़, 25 अक्तूबर 2021

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने चन्नी सरकार पर आरोप लगाया कि “कांग्रेस की चन्नी सरकार ने पंजाब को केंद्र सरकार के पास गिरवी रख दिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग के बाद ही बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी करके आधा पंजाब केंद्र ने अपने कब्जे में कर लिया। इसलिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब के लोगों के सामने सच रखना चाहिए कि किन कारणों और कमजोरियों के चलते 50 प्रतिशत पंजाब पर भाजपा का कब्जा करवा दिया गया।” भगवंत मान पंजाब सरकार द्वारा सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद पंजाब भवन, चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे और उनके साथ नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा और विधायक अमन अरोड़ा भी उपस्थित थे।

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सांसद भगवंत मान ने सत्ताधारी कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि -एनआईए एक्ट और बीएसएफ एक्ट-139 की उप धारा-1, 2 को तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार के समय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम लेकर आए थे।  कांग्रेस अब किस मुंह से इसका विरोध कर रही है। बादल परिवार को निशाना बनाते हुए भगवंत मान ने कहा कि जब ये अधिनियम बनाए गए थे, उस समय पंजाब में अकाली दल बादल-भारतीय जनता पार्टी की संयुक्त सरकार थी। लेकिन बादलों की सरकार ने इन अधिनियमों का कोई विरोध नहीं किया था। इस संबंध में केंद्र द्वारा जारी 5 रिमाइंडर (याद पत्रों) का कोई जवाब देना जरूरी नहीं समझा लेकिन आज विरोध करने का ड्रामा किया जा रहा है। मान ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पूछा कि उनकी क्या मजबूरी थी, जो वह पंजाब को केंद्र के पास गिरवी रख आए हैं? पंजाब के लोगों को स्पष्ट करें कि क्या डील हुई है? किस फाइल को दिखाकर केंद्र ने आपकी बाजू मरोड़ दी? इसी तरह पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने परिवार के घोटालों की फाइलें देखकर पंजाब के अधिकारों की कोई बात नहीं करते थे और आज भी भाजपा की बोली बोल रहे हैं।

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सांसद सदस्य ने केंद्र और पंजाब सरकार को उहलाना देते हुए कहा कि पंजाब को और कितनी बार बांटोगे। पंजाब जो कभी काबुल-कंधार तक फैला था, पहले अंग्रेजों ने इंडिया, फिर हरियाणा-हिमाचल और अब गुरदासपुर, तरनतारन, जालंधर, मोगा और फिरोजपुर तक के जिलों में बांटा जा रहा है। उन्होंने चन्नी को कहा कि अपने निजी हितों के लिए पंजाब के अधिकारों पर और कौन-कौन से डाके मरवाएंगे। जीएसटी, कृषि कानून, पंजाबी भाषा को अनदेखा करने जैसे फैसलों के साथ पंजाब पहले ही लूटा गया है लेकिन अब जल्दी ही ओर नए बिजली अधिनियम थोपे जाएंगे।

मान ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ड्रोन-ड्रोन और राष्ट्रीय सुरक्षा का राग अलाप कर पंजाब के बाशिंदों को डराने लगे हुए हैं। जबकि आज सर्वदलीय बैठक के दौरान सरकार द्वारा बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से पंजाब में ड्रोन अधिक से अधिक 4 किलोमीटर तक ही आ सके हैं। बावजूद इसके बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 से 50 किलोमीटर क्यों किया गया? मान के अनुसार अब पंजाब के लोग सब कुछ जानते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के साथ अब आधो पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा और बीएसएफ पंजाब के नौजवानों को उठाकर ले जाया करेगी, एनआईए के हवाले कर दिया करेगी और पंजाब सरकार कहेगी कि हमारे अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है, हमें नहीं पता।

भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी लोकसभा और राज्यसभा में बीएसएफ के संबंधी कानूनों का विरोध करेगी और पंजाब के हितों पर डटकर पहरा देगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदैव ही राज्यसभा में पैंतरेबाजी करके अपने सदस्यों से वॉकआउट करा देती है और मोदी सरकार अपने बिल पास करा लेती है। मान ने यह भी बताया कि आम आदमी पार्टी सीमावर्ती क्षेत्र में इस कानून के संबंध में स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगी।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भगवान मान ने बताया कि आम आदमी पार्टी पंजाब के हितों और संघीय ढांचे की सुरक्षा के लिए डटकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि जब तक पंजाब सरकार और अन्य दल साफ नीयत और स्पष्ट नीति के साथ पंजाब के लिए नहीं लड़ेंगे, उस समय तक `आप’ पंजाब के लिए पार्टीबाजी से उपर उठकर साथ देगी और सहयोग करेगी। लेकिन जब भी लगा कि दोहरे मापदंड अपनाकर पंजाब की पीठ में चाकू घोंपा जा रहा है, -आप- इन सभी का पर्दाफाश भी करेगी।

बैठक के दौरान गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा यह कहना कि राज्य सरकार में बदलाव को फिलहाल कम समय हुआ है, पर चोट करते हुए भगवंत मान ने कहा कि, “मैंनें तुरंत रंधावा साहब को दुरूस्त करते हुए कहा कि सरकार नहीं बदली, सिर्फ कांग्रेसी मंत्री-विधायक बदले हैं। ऐसा करके यह भ्रम न फैलाया जाए कि कैप्टन की सरकार कांग्रेस की सरकार नहीं थी।” भगवंत मान ने कहा कि बीएसएफ कानून और भाजपा के नेता बने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज भी कांग्रेसी ही हैं।

भगवंत मान ने यह भी आरोप लगाया कि चन्नी सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाने में 2 सप्ताह की देरी क्यों की, जबकि `आप’ ने तुरंत इसकी मांग की थी। पंजाब को अंधेरे में क्यों रखा, जबकि अब तक प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के आवास के बाहर धरना लगाया जाना चाहिए था।

इस मौके पर हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि उन्होंने सरकार द्वारा बीएसएफ और काले कृषि कानून रद्द करने के लिए पंजाब विधानसभा का सत्र तुरंत बुलाने की मांग रखी है, जिसका सीधा प्रसारण होना चाहिए।
इस मौके पर विधायक अरोड़ा ने कहा कि केंद्र के बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने वाले घातक फैसले के खिलाफ सडक़ से संसद तक एकजुट लड़ाई लडऩी जरूरी है। लेकिन केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के मद्देनजर इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दिया जाना भी जरूरी है।