शिरोमणी अकाली दल ने पंजाब कैबिनेट से बीएसएफ  की तैनाती रोकने, काले खेती कानून रदद करने की मांग की

कहा कि पंजाबियों को विधानसभा प्रस्ताव से मुर्ख बनाने की कोशिश मत करो, जिसे रोकने के लिए आपकी सरकार पूरी तरह से सशक्त हैः शिरोमणी अकाली दल

 

जगदीश टाइटलर की तरक्की की पुष्टि करने के लिएसोनिया और राहुल के सिपाहियों’’ की निंदा की

 

‘‘ अपनी हैसियत को बचाने के लिए  समझौतावादी रूचि से बाहर निकलें: शिरोमणी अकाली दल ने कांग्रेस लीडरशीप से कहा

 

चंडीगढ़/06नवंबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से कहा है कि वे लगभग आधे राज्य में बीएसएफ की तैनाती को रोकने के  स्पष्ट कैबिनेट का फैसला लें। शिरोमणी अकाली दल ने तीनों काले कानूनों के कार्यान्वयन को रोकने के लिए इसी तरह की स्पष्ट कार्रवाई की  मांग की।

आज शाम यहां हुई पार्टी की कोर कमेटी  की मीटिंग में पंजाब सरकार द्वारा एक कार्यकारी आदेश की मांग करते हुए कहा वे अपने कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दें कि वे राज्य में केंद्रीय फैसले को  लागू करने की अनुमति न दें, क्योंकि यह भारत के संविधान में राज्य के फैसले के अंतर्गत आता है। चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार इस दोनों मुददों पर विधानसभा प्रस्ताव पेश कर पंजाब के लोगों को मुर्ख बनाने की कोशिश कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि उनकी ही सरकार,राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मुददों पर केंद्रीय आदेशों को रोकने के लिए पूरी तरह से सशक्त है। कृषि और कानून राज्य के विषय हैं। ये प्रशासनिक मामले हैं और विधानसभा का इनसे कोई लेना देना नही है। प्रशासनिक तंत्र राज्य में क्या अनुमति दे यां अस्वीकार कर दे यह कार्यपालिका को तय करना होता है। अकाली दल कोर कमेटी के एक संकल्प में कहा गया कि एक विधानसभा संकल्प महान इरादे की अभिव्यक्ति है, लेकिन यहां मुददा इरादे का नही, बल्कि वास्तविक है। वे एक प्रस्ताव के लिए विधानसभा में क्यों ला रहे हैं?।

क्या विधानसभा पंजाब सरकार को बीएसएफ और कृषि कानूनों को रोकने के कार्यकारी आदेश पारित करने से रोक रही है? मुख्यमंत्री चन्नी नौटंकी कर रहे हैं। उन्हे लोगों को बताना चाहिए कि उन्होने अपने प्रशासन को बीएसएफ की तैनाती और कृषि कानूनों को रोकने का आदेश क्यों नही दिया?

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कोर कमेटी की कार्यवाही का ब्यौरा देते हुए अकाली दल अध्यक्ष के प्रमुख सलाहकार सरदार हरचरण बैंस ने कहा कि अकाली दल ने जम्मू और कश्मीर आतंकवाद निरोधक कानून के प्रावधानों को पंजाब तक पहुंचाने के लिए भी भारत सरकार के फैसले की निंदा की। अकाली दल ने कांग्रेस सरकार से इस संबंध में केंद्र के फैसले के खिलाफ अपने रूख पर सफाई देने के लिए कहा।

 

सरदार बैंस ने कहा कि कोर कमेटी ने कांग्रेस हाईकमान द्वारा पार्टी में जगदीश टाइटलर की पदोन्नित की पुष्टि करने के लिए मुख्यमंत्री चन्नी और पीसीसी अध्यक्ष नवजोत सिद्धू दोनो की निंदा की। ‘‘सोनिया और राहुल के ये सिपाही नैतिकता और आदर्शो की बात करते हैु, लेकिन जब 1984 कत्लेआम में अपने ही भाईचारे के कत्लेआम के लिए जिम्मेदार समझे जाने वाले लोगों द्वारा कांग्रेस हाईकमान द्वारा दिए गए सम्मान का विरोध करने की बात आती है तो वे अपना मुंह खोलने से डरते हैं। अकाली दल ने श्री चन्नी और श्री सिद्धू से पूछा, अपनी हैसियत को बचाने के लिए समझौतावादी रूचि से बाहर निकलें’’।

 

एक अन्य प्रस्ताव में आज सुबह मुख्यमंत्री आवास के बाहर शांतिपूर्वक विरोध कर रहे अकाली दल के कार्यकर्ताओं पर बेरहमी से किए लाठीचार्ज की निंदा की। ‘‘ वह खुद को डेमोक्रेट कहते हैं और यह वही हैं जो जो मेमोरेंडम पेश करने आ रहे शांतिपूर्ण पंजाबियों के साथ ऐसा बर्ताव करते हैं। कोर कमेटी ने कहा, ‘‘ उनके इशारे पर दमन शुरू किया गया और अंजाम दिया गया’’।

 

कोर कमेटी ने गुलाबी सुंडी के कारण तबाह हुई फसल से प्रभावित