पंजाब की हर समस्या का समाधान राजनीतिक इच्छा से संभव- मनीष सिसोदिया

MANISH SISODIA
ਪੰਜਾਬ ਬਨਾਮ ਦਿੱਲੀ ਦੇ ਸਰਕਾਰੀ ਸਕੂਲ
-यदि सरकार पुलिस पर भरोसा करती है तो व्यापार जगत पर भी किया जाए- ‘आप’
-चीखने-चिल्लाने से रोजगार नहीं बढ़ता, उद्योग जगत तरक्की करेगा तो ही नौकरियां बढ़ेंगी- सिसोदिया

बटाला/गुरदासपुर 22 नवंबर 2021

आम आदमी पार्टी आप के राष्ट्रीय नेता व दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बटाला और गुरदासपुर के उद्योगपतियों, व्यापारियों और कारोबारियों के साथ बातचीत कार्यक्रम के तहत विचार-मंथन किए, ताकि 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी द्वारा तैयार किए जा रहे चुनावी घोषणा पत्र (मैनिफेस्टो) में व्यापारी-कारोबारी को दरपेश आ रही समस्याओं के ठोस समाधान के लिए पार्टी अपनी नीति और कार्यक्रम स्पष्ट कर सके।
बटाला में आयोजित कार्यक्रम में मनीष सिसोदिया ने कहा कि उद्योग जबत की सभी समस्याओं का समाधान केवल राजनीतिक इच्छा पर निर्भर है, जो क्वआप’ के पास ही है।

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सिसोदिया ने उद्योगपतियों/कारोबारियों को उदाहरण देते हुए कहा कि क्वआप’ की सरकार बनने से पहले दिल्ली में 7-7 घंटे के बिजली कट लगते थे लेकिन राजनीतिक इच्छा से पार्टी ने चौबीस घंटे बिजली पूर्ति का लक्ष्य हासिल किया और अब करीब साढ़े तीन वर्ष से दिल्ली में चौबीस घंटे बिजली रहती है। सिसोदिया ने लोगों से अपील की है कि वे राजनीतिक इच्छा रखने वाली क्वआप’ की सरकार चुनें। उन्होंने कहा कि देश की औसत आय का ग्राफ बढ़ रहा है, जिसका असर उपभोक्ता पर पड़ता है। सवाल खड़ा किया कि यदि देश की औसत आय बढ़ी है तो पैसा कहां जा रहा है? इसका स्पष्ट अर्थ राजनीतिक इच्छा की कमी होना है।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार के व्यापार जगत के साथ मधुर संबंध होने चाहिएं ,क्योंकि जब व्यापार बढ़ेगा तो राज्य-देश भी खुशहाल होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि दिल्ली में ट्रेडर्स, रिटेलर, व्यापारी छापामारी, पर्ची और चालान का डर था। दूसरा टैक्स भी 18 प्रतिशत अधिक था। लेकिन क्वआप’ की राजनीतिक इच्छा के कारण टैक्स को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया और हैरानी की बात यह है कि बीते वर्ष के मुकाबले सरकार को एक प्रतिशत अधिक टैक्स प्राप्त हुआ।

इसी प्रकार 2016 मेें बजट तैयारी से पहले मीटिंग कर 44 प्रॉडक्ट पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया। इससे जहां वर्ष 2011-12 में दिल्ली का बजट करीब 30 हजार करोड़ रुपये होता था, वहीं क्वआप’ के पांच साल में बजट बढकऱ 60 हजार करोड़ रुपये हो गया।

सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में इंस्पेक्टरों द्वारा दिवाली वसूलने की सूचना मिली, जबकि सरकार द्वारा सख्त मनाही थी। ट्रेडर्स एसोसिएशन से उन्हें जानकारी मिल गई। फिर उन्होंने सीबीआई को सूचित कर वसूली करने वाले इंस्पेक्टरों को जेल भिजवा दिया। साथ ही इंफोर्समेंट विंग को भी तत्काल भंग कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को व्यापारी पर भरोसा करना चाहिए। वहीं जीएसटी विभाग व्यापार जगत की मदद करेगा तो टैक्स अधिक जरूर आएगा।

सिसोदिया ने बताया कि कोरोना काल के बावजूद दिल्ली की जीडीपी 13 प्रतिशत से अधिक बढ़ रही है। देश की औसत आय 1 लाख 35 हजार रुपये है, जबकि दिल्ली की औसत आय 3 लाख 54 हजार रुपये है।

सिसोदिया ने बताया कि राजनीति इच्छा शक्ति से दिल्ली में उद्योगपतियों की जरूरतों को पूछकर स्किल यूनिवर्सिटी की शुरूआत शुरू की, ताकि छात्र शिक्षा पूर्ण करते ही रोजगार हासिल कर सकें। नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों को इंटरप्रयोनर स्किल, स्टार्ट-अप के लिए दिल्ली सरकार साठ करोड़ रुपये सीड मनी दे रही है। करीब 3 लाख 50 हजार छात्रों ने 51 हजार बिजनेस आइडिया डेवलेप किए हैं। यहां तक की सरकार की सीड मनी से कुछ बच्चे कई लाख रुपये कमा भी रहे हैं।

सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार ने टैक्रिकल यूनिवर्सिटी में एमबीए इन फैमिली बिजनेस शुरू किया, ताकि फैक्ट्री मालिकों/संचालकों के बच्चे अपने बिजनेस को आगे बढ़ा सकें। यहां से प्रशिक्षण लेने सहित फैक्ट्री मालिकों, संचालकों के बच्चे 70 प्रतिशत काम अपनी फैक्ट्री में करेंगे और 30 प्रतिशत यूनिवर्सिटी सुझाएगी कि एमबीए कैसे किया जाता है।

सिसोदिया ने बताया कि जब भारत 100 वर्ष का होगा तो सिंगापुर की औसत आय के बराबर दिल्ली की औसत आय होगी, क्वआप’ के पास इसका रोड मैप तैयार है। उन्होंने कहा कि पंजाब के व्यापार जगत को सुखद माहौल देने के लिए जो मुद्दे उठाए गए हैं, उनपर राजनीतिक इच्छा शक्ति से काम करने की जरूरत है। सिसोदिया ने पंजाब के लोगों से अपील की है कि वे भी एक मौका क्वआप’ को देकर देखें, उसके बाद अन्य सभी पार्टियों को भूल जाएंगे।