फ़ील्ड में की जा रही प्लांटेशन और प्रोटैकशन सम्बन्धी कामों की निगरानी के लिए पन फारेस्ट मोबाइल फ़ोन एप लांच
पंजाब सरकार के ख़जाने को 10 से 15 करोड़ की आय होगी – गिलजियां
चंडीगढ़, 7 दिसंबर 2021
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स. गिलज़ियां ने बताया कि ऑनलाइन वेब-पोर्टल राज्य में लकड़ी आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए और उद्योगों के रजिस्ट्रेशन लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बनाया गया है। जिसमें पूरी पारदर्शिता से तय समय-सीमा में ही उद्योगों को रजिस्ट्रेशन / लाइसेसिंग हासिल करने की सुविधा मिलेगी।
वन मंत्री ने बताया कि पंजाब राज्य में पहले लकड़ी अधारित उद्योगों को नियमित करने के लिए पंजाब रैगूलेशन आफ साअ मिल्लज़, पीनियर एंड प्लाईवुड्ड इंडस्ट्रीज चलज, 2006 लागू थे। यह नियम लकड़ी अधारित इकाईयों को पंजाब में उपलब्ध लकड़ी को मुख्य रखते हुए नियमित करते थे। साल 2016 में भारत सरकार की तरफ से जारी गाईडलाईनों के अनुसार ऐग्रोफारैस्टरी किस्मों जैसे कि पॉपुलर, सफ़ेदा, घाटी, शहतूत, बबूल, सिलवर ओक, नीम, जंड, इंडियन की तरफ से लकड़ी के साथ चलाए जाते यूनिटों को लायसंस लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, केवल वन विभाग से रजिस्ट्रेशन करवानी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि तकरीबन पिछले 5सालों से लम्बित व्यवस्था जिसमें लकड़ी अधारित उद्योगों को लाइसेंस नहीं दिए जा रहे थे, मुख्यमंत्री, पंजाब स. चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व अधीन वन और वन्य जीव सुरक्षा विभाग पंजाब की तरफ से ब्लाक वनों से 10 किलोमीटर दूरी से अधिक स्थित लकड़ी अधारित उद्योगों की रजिस्ट्रेशन / लायसैंसिंग के लिए सुविधा दी गई है, जिससे राज्य में लकड़ी आधारित उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और रोज़गार के साधन बढ़ने के साथ साथ जिन किसानों की लकड़ी काटने योग्य है, उनको लकड़ी की वाजिब कीमत भी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि वन विभाग की वैबसाईट को पूर्ण तौर और आधुनिक और अपडेट किया गया है, जिससे विभाग की सभी सेवाएं, विभाग का काम लोगों को सिंगल पोर्टल के द्वारा उपलब्ध होंगे।
उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारी /कर्मचारी प्लांटेशनों की फोटोग्राफ, प्लांटेशन की रोज़मर्रा की प्रगति, प्लांटेशन साईटों का विवरण, इसके द्वारा अपडेट कर सकेंगे।

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