
स. मजीठिया को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधिकारियों को प्रमोशन और पुरस्कार देने के तरीके निंदनीय: स. महेशइंदर सिंह ग्रेवाल
कहा कि बीओआई के लगातार तीन प्रमुखों ने अवैध आदेश न मानने के मददेनजर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को एस.एस.ओ की ताकतों का मसला विचारना चाहिए
जगदीश भोला मामले में डी.जी.पी और गृहसचिव की दो सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की
चंडीगढ़/15दिसंबर 2021
शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से कहा है कि वे पंजाबियों को पूर्व मंत्री स. बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ की जा रही जांच की जा रही शिकायत से अवगत करवाएं तथा उन्होने बताया कि सरकार स. मजीठिया की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधिकारियों को पदोन्नित और यहां तक पुरस्कार तक दे रही है।
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ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (बीओआई) के प्रमुख एस के अस्थाना द्वारा डी.जी.पी को लिखे गए पत्र के संबंध में मुख्यमंत्री के बयान की प्रतिक्रिया में यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि , जिसमें अधिकारी ने उन अवैधताओं की ओर इशारा किया है, कि बी.ओ.आई को स. मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अकाली दल के प्रवक्ता स. महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह पत्र सरकार द्वारा बदलाखोरी की अवैध तरीके राजनीति के आरोप में लिप्त है।
यह कहते हुए कि भले ही मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा था कि उनके कार्यकाल में कोई प्रतिशोध नही होगा, ‘‘ जबकि इसके विपरीत हो रहा है। अब स्थिति यह हो गई है कि बीओआई के लगातार तीन अधिकारियों ने सरकार के अवैध आदेशों का पालन करने से इंकार कर दिया है, जो सब कुछ श्री चन्नी और गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा के लिए स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएसओ) की ताकतों का मसला विचारना चाहिए।
इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए कि गैर संवैधानिक तरीके से कांग्रेस सरकार स. मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, शिअद नेता ने कहा कि स. मजीठिया के खिलाफ मूल शिकायत जगदीश भोला नाम के एक ड्रग डीलर द्वारा दी गई थी। ‘‘ । ‘‘ इस मामले का मुकदमा खत्म हो गया है और यहां तक कि सजा भी हो चुकी है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को यह बताना चाहिए कि एक ऐसे मामले की जांच कैसे कर सकते हैं , जिसका फैसला पहले ही हो चुका है। उन्होने कहा कि यह निंदनीय है कि सरकार एडीजीपी के रूप में नियुक्ति पर बीओआई के प्रमुख की नौकरी पेशकश करने वाले एक आईजी को पदोन्नित का लालच देकर अनुचित करने का प्रयास कर रही है। यहां तक कि पटियाला एस.एस.पी का भी स. मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई करने से मना करने पर तबादला किया जा रहा है।
अकाली दल प्रवक्ता ने इस बात के बारे में अन्य जानकारी देते हुए कहा कि कैसे जगदीश भोला केस में एसटीएफ की रिपोर्ट जो सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट में पेश की गई थी, यह भी पीसीसी अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने पहले ही सार्वजनिक कर दी थी। उन्होने कहा कि बाद में उच्च न्यायालय ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट देने के लिए राज्य के डीजीपी और गृहसचिव की दो सदस्यीय कमेटी नियुक्त की थी। उन्होने कहा कि ‘‘ इस रिपोर्ट को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए’’।
स. ग्रेवाल ने कहा कि पहले सरकार ने नियमित डी.जी.पी की नियुक्ति नही की, ताकि वह विभाग के अधिकारियों को अवैध रूप से काम करने के लिए मजबूर करें। उन्होने मुख्यमंत्री के इस बयान का भी स्वागत किया कि वह श्री अस्थाना के पत्र के लीक होने की सीबीआई जांच का आदेश देंगें। उन्होने कहा कि सरकार को चंडीगढ़ के राजभवन के एनेक्सी के साथ साथ टर्मिनल-4 एयरपोर्ट लाउंज में हुई गुप्त मीटिंगों के लीक होने की जांच सुनिश्चित करनी चाहिए। इन मीटिंगों में शेखर शुक्ला और कुलबीर जीरा की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। इसके अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल के दौरान तबादलों में नगदी से भरे थैलों दिए जाने के बावजूद कार्रवाई न करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के मामले में गृहमंत्री के खिलाफ अलग से मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
अकाली नेता ने पूरी जांच के राजनीतिकरण पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप को दोषी ठहराते हुए स्पष्ट कर दिया था कि मामले में कोई राजनीतिक यां विभागीय हस्तक्षेप नही होना चाहिए।

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