
कहा, बादलों की तराजू (तकड़ी) गुरु की बेअदबी, सिखों की हत्या,नौजवानों को नशे में डुबाने और सिख सिद्धांतों के विनाश के लिए जिम्मेदार
बीबी बादल धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ करने के साथ चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने की दोषी
चंडीगढ़, 29 दिसंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप)पंजाब के विधायक और किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा ने बीबी हरसिमरत कौर बादल द्वारा अपने चुनाव चिन्ह (तराजू) की तुलना गुरु नानक देव जी के तराजू से करने पर कड़ी निंदा की है।
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उन्होंने कहा कि बादलों का अपने चुनाव चिन्ह तराजू (तकड़ी) की तुलना बाबा गुरु नानक देव जी के तराजू (तकड़ी) से करना सीधे तौर पर चुनावी व्यवस्था का उल्लंघन है और गुरु नानक देव जी की संगत की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। संधवां ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से सिख संगत की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए बीबा हरसिमरत कौर बादल को अकाल तख्त पर बुलाने और सिख संगत से तुरंत माफी मांगने की अपील की।
बुधवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल(बादल) की लोकसभा सदस्य और सुखबीर सिंह बादल की धर्म पत्नी बीबी हरसिमरत कौर बादल की ओर से अपने राजनीतिक चिन्ह ‘तराजू (तकड़ी) की तुलना जगत गुरु नानक देव जी’ के पवित्र तराजू (तकड़ी) से करते हुए कहा कि “हमारे लिए यह तराजू (तकड़ी) गुरु नानक साहिब की तराजू (तकड़ी) से कम महत्वपूर्ण नहीं है। यह तराजू (तकड़ी) हमें याद दिलाती है कि अगर लोग इस तराजू (तकड़ी) पर विश्वास करते हैं तो बाबा नानक की तराजू (तकड़ी) पर उनकी आस्था से सौ गुना अधिक उन्हें वापस किया है”
संधवां ने आरोप लगाया कि बादलों की पार्टी और चुनाव चिन्ह तराजू (तकड़ी) गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी,न्याय की मांग करने वाले सिखों की हत्या, युवाओं को नशे में डुबोना और सिख सिद्धांतों को नष्ट करने के बराबर है। बादलों की खूनी तराजू (तकड़ी) की जगत गुरु श्री गुरु नानक देव जी की सच्ची कमाई के तराजू के बराबर नहीं हो सकती।
कुलतार सिंह संधवां ने कहा, ‘शिरोमणि अकाली दल बादल सरकार के कार्यकाल में ही गुरु साहिब (गुरु ग्रंथ साहिब) की बेअदबी हुई थी और न्याय की मांग करने वाले सिख समुदाय के दो लोगों को गोली मार दी गई एवं अकाली नेताओं पर पंजाब के युवाओं को नशीले पदार्थ पिलाने का आरोप लगा है। बादल परिवार ने अपने व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के लिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार जैसे प्रतिष्ठित शख्सियत का इस्तेमाल किया और हमेशा सिख समाज की भावनाओं के साथ खेला। ऐसी पार्टी के चुनाव चिन्ह की तुलना बाबा नानक की तकड़ी से करना सिख समुदाय को ठेस पहुंचाना है। हरसिमरत कौर बादल ने ऐसा बोल कर बहुत बड़ा अपराध किया है। इससे देश-विदेश में रहने वाले ‘गुरु नानक नाम लेवा संगत’ के दिलों को गहरा सदमा पहुंचा है।
संधवां ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल बादल और उसके नेताओं से पंजाब के सभी लोगों और सिख संगत का विश्वास उठ गया है। इसीलिए बादल परिवार ने सिख मतदाताओं की धार्मिक भावनाओं का सहारा अपने के राजनीतिक लाभ के लिए लिया है। उन्होंने हरसिमरत कौर बादल से पूछा कि शिरोमणि अकाली दल को 50 साल तक अपने कब्जे में लेकर बादल परिवार ने पंजाब का क्या भला किया है? किस मुद्दे पर सिख परंपरा की दृढ़ता से रक्षा की गई है? पंजाब को कर्ज में किसने डुबोया? और सिख पंथ की संस्थाओं और संसाधनों का दुरुपयोग किसने किया है?
संधवां ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए बीबा हरसिमरत कौर बादल को तख्त साहिब बुलाने और पंथिक प्रथा के अनुसार सख्त कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने पंजाब के मुख्य चुनाव आयुक्त से भी राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करने के लिए बीबा हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।

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