सात साल बाद भी कोई जांच कमेटी, सीबीआई और जांच पैनल बेअदबी मामले में इंसाफ नहीं दिला पाया :हरपाल सिंह चीमा

HARPAL CHEEMA
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आरोप , जैसे ही जांच सही रास्ते पर आती है, उसे खारिज कर दिया जाता है
संगत को न्याय और दोषियों को सजा देना आप सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होगी: हरपाल चीमा
कहा,बेअदबी के मामलों में इंसाफ  सिख संगत को खुशी देगी

चंडीगढ़। 20 जनवरी 2022

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने बादलों  की पिछली  अकाली-भाजपा सरकार, कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस सरकार पर पिछले 7 सालों से गुरु नानक नाम लेवा सिख सिंग की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। चीमा ने कहा कि पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना हुई, फिर इंसाफ की मांग कर रहे सिख संगत पर गोलिया चलाकर उनकी  हत्या कर दी गई। इन सभी दुखद घटनाओं को सात साल बीत चुके हैं, लेकिन नानक नाल लेवा सिख संगत का इंसाफ नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि बेअदबी व अन्य घटनाओं की जांच के लिए विशेष जांच कमेटियों, सीबीआई जांच और जस्टिस रणजीत सिंह जांच आयोग का गठन किया गया, लेकिन दोषियों को सजा नहीं मिली,क्योंकि जैसे ही जांच सही रास्ते पर आती हैं,एक विशेष राजनीतिक परिवार के इशारे पर पूरी जांच को खारिज कर दिया जाता है।

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हरपाल सिंह चीमा ने दावा किया, ” बेअदबी और पुलिस गोलीकांड की जांच एक निश्चित दिशा  की ओर जाती है और यह दिशा एक राजनीतिक परिवार और उसके सहयोगियों के लिए ठीक नहीं बैठती, जिस कारण या तो जांच रिपोर्ट को  स्वीकार नहीं किया जाता या फिर पूरी जांच रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया जाता है। यह सब कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस द्वारा रचि साजिश के तहत किया जाता है,क्योंकि बादल और कैप्टन को एक दूसरे को बचाने का लंबा इतिहास रहा है।” चीमा ने कहा कि यह केवल पंजाब में सिख धर्म का मामला नहीं है बल्कि हिंदू और इस्लाम धर्म की भी है क्योंकि वर्ष 2015 और  2017 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा भगवत गीता और पवित्र कुरान की बेअदबी करने की करीब 170 से अधिक घटनाएं सामने आई थी। इतना नहीं नहीं पंजाब की शांति भंग करने के लिए कई तरह भड़काऊ पोस्टर भी लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि बेअदबी की घटनाएं कांग्रेस पार्टी के शासन में बंद नहीं हुई और किसी भी दोषी को सजा नहीं मिली, जिस कारण दोषियों के हौसले और बुलंद हुए हैं।

आप नेता ने कहा कि विशेष जांच कमेटी, जांच पैनल और जांच आयोग की रिपोर्ट बेअदबी की घटना और गोली कांड जैसी घटनाओं में पुलिस की गंभीरता की कमी और राजनीतिक दखलअंदाजी का जिक्र कर चुकी है। इन जांच ​रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उपमुख्यमंत्री और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी समेत कई अन्य राजनीतिक नेताओं के नाम सामने आए हैं। सिखों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कार्रवाई की गई है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कभी भी इन रिपोर्ट्स को सार्वजनिक नहीं किया और न ही सिखों को इंसाफ देने के लिए कोई ठोस कार्रवाई की है।  उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के पास सिखों सहित दोषियों को न्याय और सजा दिलाने के लिए पर्याप्त समय था लेकिन उन्होंने भी दोषियों का साथ देकर  लेकिन लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया।

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी जैसे पारंपरिक दलों की गंदी राजनीति के कारण लोगों के धर्म और भावनाओं का राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया गया। कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा 2017 में वोट पाने के लिए श्री गुटका साहिब की झूठी शपथ लेने की घटना इसका उदाहरण है। चीमा ने दावा किया कि बेअदबी और गोलीकांड के मामलों में सिख संगत को न्याय दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी प्रतिबद्ध है। आप सरकार बेअदबी मामले के सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाएगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल के हों या कितने भी बड़े व्यक्ति हों। नानक नाम लेवा संगत को बेअदबी के दोषियों को सख्त सजा देकर न्याय दिलाएंगे और उन्हें खुश करेंगे।