चंडीगढ़, 23 सितम्बर:
शराब तस्करी जैसी ग़ैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल शराब की फ़ैक्ट्रीयाँ और बौटलिंग प्लांटों पर नकेल कसते हुए आबकारी विभाग ने ऐसे सभी प्लांटों के आयात परमिटों को अलग-अलग देशों की जारी करने वाली अथॉरिटी से प्रमाणित करवाने सम्बन्धी कड़ी कार्यवाही आरंभ की है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए स्टेट आबकारी कमिश्नर श्री रजत अग्रवाल ने बताया कि आबकारी विभाग ने हाल ही में एक प्रमुख बौटलिंग प्लांट मैसर्ज लॉयड बौटलिंग एंड ब्लैंडिंग, होशियारपुर के आयात परमिट को कार्यालय डिप्टी कुलैक्टर, क्षेत्रीय राजस्व एवं कस्टम्स कार्यालय, गोलेफू भूटान से प्रमाणित करवाया था और यह परमिट जाली पाया गया। विभाग द्वारा इस यूनिट के खि़लाफ़ एफ.आई.आर. भी दर्ज की गई थी और रिपोर्ट में मालिक का नाम भी नामज़द किया गया था।
अधिक जानकारी देते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि अब आबकारी विभाग ने अलग-अलग देशों की अथॉरिटीयों द्वारा जारी किये सभी आयात परमिटों (और शराब की अलग-अलग फ़ैक्ट्रीयों द्वारा जमा करवाए) की प्रामाणिकता की जांच करने का फ़ैसला किया है। ऐसे सभी परमिट 1 जनवरी, 2020 से विभाग की सत्यापन प्रक्रिया अधीन हैं। किसी भी फैक्ट्री या बौटलिंग प्लांट द्वारा जाली परमिट का प्रयोग करते हुए पाए जाने पर उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
आबकारी विभाग का इन्फोर्समेंट विंग पुलिस विभाग के साथ मिलकर एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ई.ए.एन.) और शराब की गैरकानूनी बिक्री को रोकने के लिए छापेमारी करने में सक्रिय है। आबकारी कमिश्नर ने आगे बताया कि ई.एन.ए. और शराब की निर्यात करने वाले लगभग शराब के 10 यूनिट पहले ही विभाग की निगरानी में हैं।

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