चन्नी, सिद्धू और कांग्रेसियों को जनता की अदालत में बताना पड़ेगा, क्यों रद्द नहीं किए घातक बिजली खरीद समझौते – भगवंत मान

BHAGWANT MANN
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बिजली समझौते रद्द नहीं हुए, लेकिन चन्नी सरकार ने इसके प्रचार पर खर्च किए करोड़ों रुपए – भगवंत मान
पीपीए( पावर परचेज एग्रीमेंट) पर मुख्यमंत्री चन्नी ने किया झूठा प्रचार, निजी थर्मल पावर प्लांटों से आज भी पुराने दरों पर खरीदी जा रही बिजली – भगवंत मान
पुराने बकाए बिल माफ करने के नाम पर कांग्रेस सरकार ने अपने विधायकों और मंत्रियों के लाखों रुपए के बिल किए माफ – भगवंत मान
दिल्ली में 70% घरों के बिजली बिल जीरो है, पंजाब में भी जीरो करेंगे – भगवंत मान

चंडीगढ़, 21 जनवरी 2022

आम आदमी पार्टी(आप) पंजाब के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर बिजली समझौते(पीपीए) के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने आरोप लगाया। मान ने कहा कि बिजली खरीद समझौते रद्द करने का ऐलान आज भी लागू नहीं हुआ है, लेकिन चन्नी सरकार ने इसके प्रचार पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए खर्च कर दिए।

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शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में मान ने आरोप लगाया कि बादलों और कैप्टन की तरह चन्नी सरकार भी बिजली खरीद में अपना कमीशन(दलाली) तय कर दी और निजी बिजली कंपनियों के साथ मिलीभगत कर ली। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और मुख्यमंत्री चन्नी दावा करते थे कि यदि उनके पास सत्ता आई तो वे बिजली समझौते तुरंत रद्द कर देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका जवाब उन्हें पंजाब की जनता को देना पड़ेगा।

मान ने कहा कि राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल साहिब तीनों निजी थर्मल प्लांटों से पंजाब सरकार आज भी वही पुरानी महंगी कीमतों पर करीब 7000 मेगावाट बिजली खरीद रही है। पिछली अकाली-भजपा और कांग्रेस सरकारों ने अपने निजी फायदे के लिए बिजली उत्पादन के लिए खुद के स्रोत बनाए ही नहीं। जबकि सरकारी संसाधनों का उपयोग कर निजी कंपनियां महंगी कीमतों पर सरकार को बिजली बेच रही है। अपनी सरकार की नाकामी छुपाने के लिए मुख्यमंत्री चन्नी ने बिजली समझौते रद्द करने का ड्रामा रचा।

मान ने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी ने बिजली सस्ती करने का ऐलान करते हुए कहा था कि महंगी बिजली के कारण गोइंदवाल थर्मल पावर प्लांट का एग्रीमेंट रद्द कर दिया गया है। अब पंजाब सरकार 2.38 रुपए के हिसाब से बिजली खरीदेगी और 2.65 रुपए के हिसाब से बेचेगी। लेकिन यह घोषणा पूरी तरह झूठ साबित हुई। असलियत यह है कि आज भी उससे 6 से ₹7 प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जा रही है। इस घोषणा का मकसद पंजाब के लोगों को बेवकूफ बनाना और मुख्यमंत्री चन्नी का चेहरा चमकाना था।

पुराने बकाए बिजली बिल माफ करने के मुख्यमंत्री चन्नी की घोषणा पर मान ने कहा कि चन्नी सरकार ने 29 सितंबर 2021 को 2 किलोवाट तक के बकाए घरेलू बिजली बिलों को माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन बकाए बिलों को माफ करने के नाम पर कांग्रेस सरकार ने अपने विधायकों और मंत्रियों के लाखों के बकाए बिजली बिल माफ किए। मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार पुराने बिजली बिलों को माफ करने के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली देगी। मान ने दावा किया कि हमारी सरकार बिजली बिल कम नहीं, बल्कि बिजली बिल जीरो करेगी। जिस तरह आज दिल्ली के 70% से ज्यादा घरों के बिजली बिल जीरो आते हैं, उसी तरह हम पंजाब के भी लोगों के भी बिजली बिल जीरो करेंगे।