खुफिया विभाग के शीर्ष अधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई करे चुनाव आयोग ताकि पंजाब में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव  सुनिश्चित किया जा सके: अकाली दल ने चुनाव आयोग से कहा

HARCHARAN SINGH
ਕੇਜਰੀਵਾਲ ਵੱਲੋਂ ਆਤਮ ਸਮਰਪਣ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਭਾਸ਼ਣ ਨੇ ਸਾਬਤ ਕੀਤਾ ਕਿ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੋ ਤਿਹਾਈ ਬਹੁਮਤ ਵੱਲ ਵੱਧ ਰਿਹੈ : ਅਕਾਲੀ ਦਲ
गुप्त सुचना कांग्रेस को देकर सहायता करने के लिए सरकारी मशीनरी के सरेआम दुरूपयोग की जांच की जाए: सरदार बैंस

 चंडीगढ़/28जनवरी 2022

शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब के सीमावर्ती राज्य की शांति और सुरक्षा से समझौता करने और सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की मदद के लिए ‘गैरकानूनी, और अनैतिक ’मदद प्रदान करने  तथा गैरकानूनी कदाचार में लिप्त होने के आरोपों का सामना कर रहे शीर्ष नेताओं सहित सभी राज्य खुफिया अधिकारियों को तत्काल स्थानांतरित करने की मांग की।

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संवेदनशील खुफिया जानकारी एक निजी कंपनी के साथ साझा की गई जो पंजाब में पूरी चुनाव प्रक्रिया को खत्म कर सुरक्षा कारणों की गंभीरता को खतरे में डाल रही है।

अकाली दल अध्यक्ष स. सुखबीर सिंह बादल के प्रमुख सलाहकार स. हरचरण सिंह बैंस ने आज यहां एक प्रेस कांफ्रेंसको संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग के पास एक शिकायत दर्ज की , जिसमें बताया गया कि कंाग्रेस पार्टी द्वारा इंटेलिजेंस विंग का इस्तेमाल किस तरह से किया गया है। विपक्षी दलों के संभावित उम्मीदवारों के बारे  गैर कानूनी रूप से जानकारी इस्तेमाल करने और उन्हे चुनाव से हटने की धमकी देने के तरीकों के लिए एक निजी कंपनी का इस्तेमाल किया गया है।

स. बैंस ने कहा कि अकाली दल ने खुफिया विभाग के अधिकारियों की निजी एजेंसी के ‘ मूवडेक पॉलिटिको’ से इनपुट हासिल करने के बारे मेें विस्तृत ब्यौरा दिया है। उन्होने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि सक्रिय डयूटी पर इन अधिकारियों की निरंतर उपस्थिति एक स्वंतत्र चुनाव को असंभव बना देगी। इस तथ्य के अलावा चुनाव आयोग की ओर से निष्क्रियता एक प्राधिकरण के रूप में कार्रवाई न करने से संदेह उत्पन्न होगा। यह अन्य अधिकारियों और पूरी सरकारी मशीनरी को भी सत्ताधारी दल को लापरवाह ओर निडर तरीके से रहने में प्रोत्साहित करेगा।दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अंतरराष्ट्रीय मजाक बनाने से रोककर चुनाव प्रक्रिया को मजाक न बनने दिया जाए। इस सबके लिए चुनाव आयोग द्वारा तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि हमें इसमें कोई संदेह नही है कि आप हमारे अनुरोध पर शीघ्रता से कार्रवाई करेंगें, क्योंकि हर गुजरते लम्हा लोकतंत्र का मजाक उड़ाएगा और चुनाव आयोग की भूमिका पंजाब में अपनी विश्वसनीयता खो देगी।

अपनी शिकायत में पार्टी ने कहा है कि पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग जो कानून और व्यवस्था को बनाए रखने में  मदद करने के लिए संवेदनशील इनपुट प्रदान करने और शांति के लिए खतरों की जांच करने के लिए अनिवार्य है, आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को सत्ता में वापिस लाने के उददेश्य से इसका दुरूपयोग कर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल किया गया।

शिकायत में कहा गया है कि इन अधिकारियों को नए मुख्यमंत्री के पदभार संभालने के बाद नए कांग्रेसी शासन के बाद तैनात किया गया, क्योंकि वे कांग्रेस के कटटर वफादार हैं, और उपर्युक्त आईजीपी भी मुख्यमंत्री पंजाब के बहुत करीबी दोस्त हैं, क्योंकि वे पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ मेें एक साथ लॉ की पढ़ाई करते थे।ये दोनो अधिकारी इंटेलिजेंस विंग के अधिकारियों के साथ साथ सीक्रेट सर्विस ,जो कानून -व्यवस्था के रखरखाव, अपराध पर नियंत्रण और राज्य में आंतकवादी ,गैंगस्टर और अन्य गतिविधियों की जांच से संबंधित कार्रवाई के लिए उपयोग  होता है , के फंड का दुरूपयोग कर रहे हैं।

इसमें कहा गया है कि 1 दिसंबर 2021 को एडीजीपी और आईजीपी ने इंटेलिजेंस विंग के एआईजी के साथ इस संबंध में इंटेलिजेंस मुख्यालय मोहाली में इंटेलिजेंस विंग के जोनल एआईजी के साथ समीक्षा मीटिंग की। इस मीटिंग में उक्त एजेंसी के अधिकारियों के साथ साथ खुफिया मुख्यालय के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

यह सत्तारूढ़ दल द्वारा सत्ता का सरेआम दुरूपयोग है, और चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है, जो स्वतंत्र  और निष्पक्ष चुनाव की भावना के खिलाफ है और लोकतांत्रिक संस्थानों के साथ साथ लोकतंत्र को घातक झटका देगा।