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उन्होंने बताया कि दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में मरीजों की एकदम तादाद बढ़ गई थी। आईसीयू तथा कोविड विशेष वार्ड मरीजों से भरे हुए थे। मरीजों के परिवारिक मैंबरों को अस्पताल में दाखिल करने तथा जीवन रक्षक दवाईयों के लिए मिन्नतें कर रहे थे। चाहे दक्षिणी अर्फीका के प्राथमिक नतीजों के बाद यह बताया गया था कि यह वॉयरस डेल्टा से अधिक तेजी से फैलता है, पर हमारे देश में स्थिति अभी काबू में है।
डा. गुप्ता ने बताया कि हालांकि यह वेक्सीन वॉयरस से पूरी तरह रक्षा नहीं करती, पर गंभीर बीमारी तथा अस्पताल जाने की नौबत से सुरक्षित रखती है। ताजा सीरो सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि आबादी में बीमारियों का सामना करने की समर्था (एंटीबाडीज) की उच्च मौजूदगी है।
डा. गुप्ता ने कहा कि वेक्सीन से पैदा हुई इम्यूनिटी से इस वॉयरस से बचने की संभावना है, पर वेक्सीन शरीर में समर्था बनाए रखती है। उन्होंने कहा कि पर हमको इस संक्रमण की फैलने की रफ्तार तथा गंभीरता के बारे स्पष्ट तस्वीर की जरूरत है। इस संबंधी परिणाम तक पहुंचने के लिए अभी समय लगेगा। मौजूदा हालात से पता लगता है कि ओमीक्रोन संक्रमण बहुत कम है।

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