केंद्र के काले कानूनों के विरुद्ध ‘आप’ ने किया पंजाब भर में रोष प्रदर्शन

harpal Singh Cheema, LoP Punjab

मोदी के घुटने टेकने तक किसानों के हक में जारी रखेंगे संघर्ष -भगवंत मान
तानाशाही के विरुद्ध कारगर हथियार साबित होंगे ग्राम सभाओं के प्रस्ताव-हरपाल सिंह चीमा

चंडीगढ़, 24 सितम्बर 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने केंद्र की एनडीए (अकाली -भाजपा) सरकार की ओर से तानाशाही तरीके से थोपे जा रहे कृषि बारे काले-कानूनों के विरुद्ध सभी 117 विधान सभा हलकों में रोष प्रदर्शन किए।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी संयुक्त बयान के द्वारा जानकारी देते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान, नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा और प्रदेश महा सचिव हरचन्द सिंह बरसट ने कहा कि देश खास करके पंजाब के किसान और खेती से संबंधित सभी वर्ग मोदी सरकार की ऐसी तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे, क्योंकि जिस धौंस के साथ खेती से सम्बन्धित तीनों अध्यादेशओं को लोक सभा और राज सभा में पास करवाया है, यह न सिर्फ लोकतंत्र बल्कि किसानों समेत खेती के साथ जुड़े सभी धंधों-पेशे को तबाह करके रख देंगे।
भगवंत मान ने कहा कि जब तक प्रधान मंत्री मोदी को यह घातक कानून वापस लेने के लिए मजबूर नहीं कर देते तब तक सडक़ों से लेकर संसद तक संघर्ष जारी रहेगा। भगवंत मान ने पार्टी के नेताओं और वलंटियरों समेत सभी राजनैतिक दलों, सामाजिक और धार्मिक संगठनों से अपील की है कि वह किसान संगठनों की ओर से 25 सितम्बर को ऐलाने पंजाब बंद की मिसालिया सफलता के लिए हर पक्ष से सहयोग करें। भगवंत मान ने 25 सितम्बर को ही बादलों की ओर से ऐलान किए चक्का जाम प्रोग्राम को नाटक करार देते हुए कहा कि यह सब मोदी के इशारे पर किसानों के संघर्ष को तारपीडो करने की साजिश है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि काले कानूनों के विरुद्ध पंचायतों की ओर से ग्राम सभा के द्वारा पास किए प्रस्ताव किसानों और पंजाब को बचाने के लिए एक कारगर हथियार साबत होंगे, क्योंकि लोकतंत्र में ग्राम सभा की बहुत बड़ी ताकत है, जिस को कोई चुनौती नहीं दे सकता। इस लिए सभी पंजाब की पंचायतों विशेष एजंडे के अंतर्गत ग्राम सभाओं को बुला कर केंद्र सरकार के इन काले कानूनों को नामंजूर और रद्द कर दें।
इसके साथ ही हरचन्द सिंह बरसट ने कहा कि ग्राम सभाओं की ओर से पास किए प्रस्ताव भविष्य के दौरान सुप्रीम कोर्ट तक अहम दस्तावेजों के तौर पर काम आऐंगे। उन्होंने कहा कि पार्टीबाजी से ऊपर उठ कर पंजाब की सभी पंचायतें यदि ग्राम सभाओंं के द्वारा मोदी के काले कानूनों को रद्द करती हैं तो यह मुहिम पूरे देश में शुरू हो जाएगी।