चण्डीगढ़, 2 मार्च – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दतात्रेय ने कहा कि प्रदेशवासियों की आशा एवं आंकक्षाओं के अनुरूप कार्य करते हुए राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वाभिमान, सुरक्षा और सुशासन के माध्यम से प्रदेश के चहुंमुखी विकास को नए आयाम देने के लिए निरंतर अग्रसर है।
राज्यपाल ने कहा कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में आज यहां आरंभ हुए हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में अपना अभिभाषण देते हुए उन्हें हर्ष की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने क्षेत्रवाद और भाई-भतीजावाद की संकीर्णता से ऊपर उठकर प्रदेश के सन्तुलित, सतत और समान विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले ज्ञात-अज्ञात शहीदों को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों की स्मृति में अंबाला में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का ‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’ बना रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के इस अमृत महोत्सव वर्ष में केन्द्र सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस 26 दिसम्बर को हर वर्ष ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इसी प्रकार, अमर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की पहल भी की गई है।
राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए कई अभूतपूर्व निर्णयों से देशभर में भारत के गौरव और प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है। अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने से जहां करोड़ों देशवासियों की आस्था को मजबूती मिली है, वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सुशासन अभियान के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए ई-गवर्नेंस का रास्ता अपनाया जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और प्रदेश के कमजोर, गरीब व आम आदमी को भी आज प्रगति के लाभ मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोई भी विभाग अथवा क्षेत्र ऐसा नहीं बचा, जिसमें सुशासन की पहल न की गई हो। इस नई व्यवस्था में कोई भी नागरिक सरलता से अपना हक प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ‘सुशासन से सेवा’ के संकल्प के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन के अनुरूप ‘सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास’ और ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ के मूलमंत्र पर चलते हुए प्रदेश के चहुँमुखी विकास के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के ‘‘आदर्श समाज वह है जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे पर आधारित है’’, के सिद्धान्त की पालना करते हुए क्षेत्रवाद और भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर हर क्षेत्र व हर वर्ग का समान विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि आज पंचकूला से पलवल तक और सिरसा से फरीदाबाद तक बदलाव की इस सुखद बयार को महसूस किया जा सकता है। नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 में हरियाणा देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
उन्होंने कहा कि पंक्ति में खड़े अन्तिम व्यक्ति का जीवन-स्तर ऊपर उठाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की है। गांवों को ‘लाल डोरा मुक्त’ करने की हरियाणा की योजना को केन्द्र सरकार ने ‘स्वामित्व योजना’ के रूप में पूरे देश में लागू किया है। ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना का अध्ययन करने के लिए भी एक केन्द्रीय टीम ने प्रदेश का दौरा किया था।
उन्होंने कहा कि ‘‘शासन कम, सुशासन ज्यादा’’ को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा आदि हर क्षेत्र में ई-गवर्नेंस की नई-नई पहलें की हैं। ई-गवर्नेंस का यह अभियान अब परिवार पहचान पत्र तक पहुंच चुका है। इस एकमात्र दस्तावेज से लोगों को सभी सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ घर बैठे ही मिलेगा और उन्हें दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब जन्म-मृत्यु का डेटा भी ऑटो अपडेट हो जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार द्वारा दी जाने वाली पाई-पाई सही लाभार्थी तक पहुंचाने और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से, सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सब्सिडी और वित्तीय सहायता के लिए ‘डी.बी.टी.’ सुविधा शुरू की गई है। इसके अतिरिक्त, जनता के प्रति प्रशासन की जबाबदेही तय करने और समय पर सर्विस डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए ‘ऑटो अपील सॉफ्टवेयर’ (आस) शुरू किया गया है और इससे 570 सेवाओं को जोड़ा गया है। आवेदक को यदि निर्धारित समय में सेवा नहीं मिलती है तो उसकी अपील स्वतरू ही उच्चाधिकारी को और फिर ‘सेवा का अधिकार आयोग‘ को भी चली जाती है। इसके अतिरिक्त, पारदर्शिता एवं स्थायित्त्व बढ़ाने के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी 43 विभागों के 214 कॉडर में लागू की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से ही हम कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं। इस वैश्विक महामारी ने प्रत्येक व्यक्ति को कहीं न कहीं प्रभावित किया है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि कर्मठ लोग अपने कर्त्तव्यों में कभी देरी नहीं करते। इसी बात का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार ने महामारी से बचाव, राहत व ईलाज के पर्याप्त प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और इसका पूरा तंत्र, विशेषकर चिकित्सकों व स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं और अन्य अग्रिम पंक्ति के कोविड योद्धाओं के अथक प्रयासों के फ लस्वरूप हम इस महामारी पर नियंत्रण पाने में सफल रहे हैं। इस महामारी में प्रदेशवासियों के धैर्य, साहस और विश्वास की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब हरियाणा विकास के लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से अग्रसर है।
किसानों को उनकी फसलों का 27,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान
डीबीटी के माध्यम से खरीफ-2021 में खराब हुई फसलों के लिए 561 करोड़ रुपये का दिया गया मुआवजा
एम.एस.पी. पर 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का एकमात्र राज्य
‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ शुरू
किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ’पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ शुरू
चण्डीगढ़, 2 मार्च -हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दतात्रेय कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कृषि सुधार और किसानों के उत्थान के लिए अहम निर्णय लेते हुए किसानों की फसलों की ‘एम.एस.पी’ पर खरीद करने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान की समय पर भरपाई सुनिश्चित कर रही है। इस प्रकार राज्य सरकार ‘बीज से बाजार तक’ हर कदम पर किसान के साथ खड़ी है।
देश की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में आज यहां आरंभ हुए हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में राज्यपाल श्री बंडारू दतात्रेय अपना अभिभाषण दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गत वर्ष के दौरान किसानों को उनकी फसलों का 27,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया है। प्राकृतिक आपदा से खराब फसलों के लिए मुआवजा राशि 12,000 रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की गई है। हाल ही में खरीफ-2021 में खराब हुई फसलों के लिए 561 करोड़ रुपये मुआवजा तथा प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत लगभग 700 करोड़ रुपये के क्लेम स्वीकृत किए गए हैं। एम.एस.पी. पर 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है।
उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन सीजन 2021 से बाजरे के लिए भी भावांतर भरपाई योजना शुरू की गई। इस योजना का लाभ उन किसानों को भी मिला है, जिन्होंने मंडियों में अपना बाजरा नहीं बेचा। इतना ही नहीं, जिन किसानों ने अपने उपयोग के लिए बाजरा अपने पास रखा है, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिला है। इस योजना के तहत 2.40 लाख किसानों को बाजरे की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और औसत बाजार मूल्य के अंतर 600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 436 करोड़ रुपये की भावांतर राशि दी गई है।
राज्यपाल ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसल विविधिकरण और बागवानी को बढ़ावा देना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पहला राज्य है जिसने बागवानी फसलों को मौसम की मार से बचाने के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ शुरू की है। इसके अतिरिक्त, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए भिवानी, नूंह और झज्जर में तीन नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे हैं। वर्ष 2021-22 के दौरान बागवानी क्षेत्र में वर्टिकल फार्मिंग की एक अनूठी प्रौद्योगिकी लागू की गई और इस खेती में निवेश पर 65 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। मशरूम की खेती के लिए सामान्य किसानों को 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में फसल विविधिकरण और जल संरक्षण के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना में एग्रो फोरेस्ट्री को भी जोड़ा गया है। अब धान के स्थान पर प्रति एकड़ 400 पेड़ लगाने पर किसान को 3 वर्ष तक 10 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना के तहत, खरीफ-2020 में लगभग 96 हजार एकड़ क्षेत्र पंजीकृत और 63 हजार एकड़ क्षेत्र सत्यापित हुआ और खरीफ-2021 में लगभग 97 हजार एकड़ क्षेत्र पंजीकृत और 52 हजार एकड़ क्षेत्र सत्यापित हुआ। इसके फलस्वरूप, 74,000 से अधिक किसानों को लगभग 77 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। इसके अलावा, ‘डायरेक्ट सीडेड राइस’ तकनीक अपनाने वाले किसानों को 5000 रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया गया।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन,मधुमक्खी पालन और मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालन ग्रामीणों की आय का एक प्रमुख साधन है। प्रदेश में पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ’पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ शुरू की है। ‘मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन योजना’ के तहत सहकारी दुग्ध उत्पादकों के बैंक खातों में सीधे डालने के लिए दुग्ध संयंत्रों को 37 करोड़ 9 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है। इसीप्रकार, ‘हरियाणा मधुमक्खी पालन नीति-2021’ के तहत वर्ष 2030 तक शहद के उत्पादन को 10 गुणा तक बढ़ाने का लक्ष्य है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने मधुमक्खी पालन विकास की नीति बनाई है जिसके तहत हनी ट्रेड सेंटर की स्थापना की गई है। यह सेंटर कुरूक्षेत्र के रामनगर में खोला गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2022-23 के दौरान 57550 एकड़ क्षेत्र को मत्स्य पालन के अंतर्गत लाने का लक्ष्य है, जिससे लगभग 2.30 लाख मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन होगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिला भिवानी के ग्राम गरवा में एकीकृत एक्वा पार्क और उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

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