जयपुर, 11 अप्रेल :-
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने गरीबों, वंचितों, किसान एवं मजदूर सहित सभी जरूरतमंद वर्गाें के हितों को ध्यान में रखकर जो योजनाएं बनाई हैं उनसे इन वर्गाें के लिए समान भागीदारी के साथ आगे बढ़ने की राह आसान हुई है। श्री गहलोत सोमवार शाम को बिडला सभागार में महात्मा ज्योतिबा फुले और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के संयुक्त जयंती समारोह में संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता, थानों में स्वागत कक्ष निर्माण, महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की प्रभावी तफ्तीश के लिए प्रत्येक जिले में विशेष यूनिट के गठन जैसे फैसलों से सबसे ज्यादा राहत गरीब, उपेक्षित एवं वंचित वर्ग को मिली है और उन्हें न्याय मिलना आसान हुआ है। इससे पहले कई बार थानों में उनकी सुनवाई नहीं होने की शिकायत सामने आती थी।
अब जल्द हो रही महिला अपराधों की तफ्तीश
श्री गहलोत ने कहा कि अपराध नियंत्रण की दिशा में सरकार के इन प्रयासों से इस्तगासों के माध्यम से मुकदमा दर्ज होने की संख्या 33.4 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत रह गई है। महिलाओं से संबंधित अपराधों की तफ्तीश का औसत समय 274 दिन से घटकर 79 दिन ही रह गया है। प्रदेश के अधिकतर थानों में स्वागत कक्ष बन चुके हैं। पॉक्सो प्रकरणों में 7 अपराधियों को फांसी और 137 को उम्रकैद की सजा दिलाने में सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले एवं बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि इन महापुरूषों का जीवन वंचित वर्ग के उत्थान को समर्पित रहा। समाज के दबे-कुचले वर्गाें के अधिकारों के लिए महात्मा फुले और डॉ. अंबेडकर ने अथक संघर्ष किया। इन युगपुरूषों ने नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ लिंग भेद, जाति-प्रथा, धार्मिक आडम्बर जैसी कुरीतियों के खिलाफ सामाजिक चेतना जागृत की।
श्री गहलोत ने प्रदेश के 1 करोड़ 33 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए चिरंजीवी योजना, गांवों, कस्बों और शहरों में खुल रहे महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल, चिकित्सा संस्थानों में निशुल्क ओपीडी एवं आईपीडी उपचार प्रदान करने वाली महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना जैसी योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि इन सबका लाभ उठाने के साथ-साथ जरूरी है कि समाज में शिक्षा को बढ़ावा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के बिना जीवन में अंधेरा है। एक शिक्षित व्यक्ति ही शोषण के खिलाफ उसी मजबूती से आवाज उठा सकता है, जैसी कि बरसों पहले महात्मा ज्योतिबा फुले एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर ने उठाई थी।
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पूर्व मुख्यमंत्री ने सहकार सर्किल स्थित महात्मा ज्योतिबा फूले की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन भी किया।
समारोह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री टीकाराम जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की कल्याणकारी योजनाओं एवं फैसलों का सर्वाधिक लाभ समाज के शोषित, वंचित, किसान तथा मजदूर वर्ग को मिल रहा है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फूले, सावित्री बाई फुले और डॉ. अंबेडकर ने स्त्री शिक्षा की अलख जगाने के साथ ही लोगों की पीड़ा को आवाज दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ‘उड़ान योजना’ प्रदेश की महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। प्रदेश की आधी आबादी के स्वास्थ्य के लिए लाई गई सबसे महत्वाकांक्षी योजना है।
सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजन लाल जाटव ने कहा कि करीब 200 साल पहले शोषित एवं पिछड़े समाज को जोड़ने का जो काम महात्मा फूले ने किया उस समय इस दिशा में कोई सोच भी नहीं सकता था।
राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वंचित वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री श्री गोविन्द राम मेघवाल, अंबेडकर पीठ के महानिदेशक श्री मदन गोपाल मेघवाल, महापौर जयपुर हैरिटेज श्रीमती मुनेश गुर्जर, पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव, पूर्व विधायक श्री भगवान सहाय सैनी सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष डॉ. भजनलाल रोलन और समिति के संयोजक श्री बनवारी लाल बैरवा ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। समारोह में बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लोग उपस्थित रहे।

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