सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर राजनीतिक बदलाखोरी में लिप्त और पी.टी.सी के एम.डी रबिंदर नारायण के खिलाफ झूठा मामला बनाकर आम आदमी पार्टी की सरकार प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला कर रही : शिरोमणी अकाली दल

आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की निंदा करने वाले अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं और सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए पुलिस का दुरूपयोग किया जा रहा

चंडीगढ़/11अप्रैल: शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की निंदा करने वाले अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं और अन्य दीलों के सोशल मीटिया कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने के अलावा पीटीसी के एम.डी रवींद्र नारायण के खिलाफ झूठा मामला बनाकर प्रेस की आजादी पर हमला करने के अलावा अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम ंिसह मजीठिया के मानवाधिकारों का हनन कर राजनीतिक बदलाखोरी में लिप्त है।

यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेताओं प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप पार्टी की सरकार सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ अमानवीय व्यवहार कर सभी लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन करने के साथ साथ जेल मैनुअल के खिलाफ काम कर रही है। ‘‘ यहां तक कि जिन सुविधाओं के लिए सरदार मजीठिया हकदार हैं, उन्हे वे सुविधाएं तक नही दी जा रही हैं। यहां तक कि सरकार उन्हे डराने और परेशान करने की कोशिश कर रही है,तथा जेलमंत्री  ने व्यक्तिगत रूप से पटियाला जेल का दौरा किया है। यह पहली बार हुआ है कि जब कोई मंत्री किसी विचाराधीन व्यक्ति की बैरक में गया है, इससे यह स्पष्ट होता है कि आप पार्टी की सरकार बदलाखोरी की राजनीति में लिप्त है’’।

यह कहते हुए कि बदलाखोरी केवल सरदार मजीठिया तक ही सीमित नही है, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि सरकार प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि एक मिस पंजाबन प्रतियोबी द्वारा एफआईआर में पीटीसी के एम.डी का नाम तक नही लिया गया, राज्य पुलिस ने पीटीसी की आवाज को दबाने के लिए श्री नारायण के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया है। उन्होने कहा कि यह इस तथ्य के बावजूद किया गया कि पीटीसी के एमडी और अन्य कर्मचारी इस जांच में शामिल होकर इस मामले में सच्चाई तक पहुंचने में मदद करने के लिए सीसीटीवी टेप भी पुलिस को सौंप दी थी। ‘‘ पीटीसी मैनेजमेंट इस बात पर जोर दे रहा है मामले के मुख्य आरोपी नैंसी घुम्मण और भूपिंदर सिंह के साथ उनका कोई संबंध नही है, जबकि पुलिस मामले के  दो मुख्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए बिना ही पीटीसी के एमडी को हिरासत में लिया गया।

प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि पीटीसी मैनेजमेंट ने डीजीपी को पत्र लिखा और यहां तक कि एक रिमाइंडर भी भेजा , जिसमें कहा गया था कि मामले के सबूत सौंपने के बावजूद , राज्य पुलिस ने इन्हे एक झूठे मामले में फंसाया है। उन्होने कहा कि पीटीसी ने न केवल मोहाली कार्यालय में लगे सीसीटीवी के डीवीआरज् जमा  करवाए बल्कि वीडियों को सबूत के तौर पर साबित किया कि शिकायतकर्ता अन्य सभी प्रतियोगियों के साथ रह रहा था। ‘‘ जिस दिन ‘‘ शिकायतकर्ता’’ को वांरट अधिकारी द्वारा बचाया गया, वह साफ तौर बेहद खुश थी और अन्य प्रतियोगियों के साथ प्रतियोगिता में भाग ले रही थी। इससे पहले 11 से 15 मार्च तक शिकायतकर्ता ने डांस में भाग लिया, खाना खाया और इधर उधर  जा रही थी। जब उसे छुड़ाया गया तब वह अन्य प्रतियोगियों के साथ बैठी थी, तथा न ही कभी भी अकेली को बंदी बनाया गया था’’।

डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि कैसे मोहाली में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन का दुरूपयोग पूरे भारत में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की निंदा करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए किया जा रहा है। उन्होने कहा कि यह राज्य पुलिस का घोर दुरूपयोग है, जिसका इस्तेमाल कानून-व्यवस्था को लागू करने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होने कहा, ‘‘ अगर यह स्थिति है तो हम आम आदमी की दुर्दशा की कल्पना कर सकते हैं’’।

सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा अपराध ने सभी हदें पार कर दी हैं। ‘‘ टारगेट कत्ल के अलावा, हमने दो दिन पहले लुधियाना में चौड़ा बाजार जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में बंदूको की नोक पर 40 लाख रूपये की लूट भी देखी है’’।

नेताओं ने कहा कि भले ही केजरीवाल ने कहा था कि आप पार्टी की सरकार बदलाखोरी की राजनीति में शामिल नही होगी, इसके विपरीत हो रहा है। उन्होने कहा कि पंजाबियों को उम्मीद है कि आप पार्टी उनसे किए गए वादों को पूरा करेगी, जिसमें नौकरियों के अवसर बढ़ाने और सामाजिक भलाई के उपाय करने तथा राजनीतिक व्यवस्था में सुधार होगा। ‘‘ पंजाबियों को यह भी उम्मीद है कि उनकी राज्य सरकार केंद्र सरकार के सामने अपने मामलों में हस्तक्षेप के खिलाफ खड़ी होगी। वे यह भी उम्मीद करते हैं राज्य केंद्र से अपने अधिकार प्राप्त करने में दृढ़ रहेगा, चाहे वह ग्रामीण विकास फंड तथा (आरडीएफ) और गेंहू की उपज में 500 रूपये प्रति एकड़ के नुकसान के लिए 1200 रूपये करोड़  केंद्र से लेने के लिए डटकर खड़ी रहेगी।

अकाली नेताओं ने कहा कि पार्टी  का लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ने का लंबा इतिहास रहा है , और अगर केंद्र सरकार उन्हे रौंदना जारी रखेा तो पार्टी चुप नही रहेगी और इस राजनीतिक  बदलाखोरी को खत्म करने के लिए उचित कार्रवाई करेगी।

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