
एस.जी.पी.सी अध्यक्ष से सिख समुदाय और पंजाबियों की बंदी सिहों को मुक्त कराने की मांग को पूरा करने के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए पंथक संगठनों की मीटिंग बुलाने की अपील की
आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा गैर जिम्मेदाराना ब्यानों से राज्य में साम्प्रदायिक सदभाव को बिगाड़ने के प्रयास के तरीके पर गंभीर चिंता व्यक्त की
चंडीगढ़ 04 मई 2022
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने सजा पूरी होने के बाद भी जेल में बंद बंदी सिखों (सिख कैदियों) की रिहाई को सुनिश्चित करने के लिए आंदोलन चलाने के लिए सभी पंथक संगठनों से एक साझा मंच पर एकजुट होने की अपील की ।
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यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अअकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष से मानवीय आधार पर सिख बंदियों को मुक्त कराने के लिए दुनिया भर के पंजाबियों की मांग को पूरा करने के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए पंथक संगठनों की मीटिंग बुलाने की अपील की है। अकाली दल अध्यक्ष ने यहां एक भावुक अपील में कहा ‘‘ हमारे पास व्यक्तिगत और राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन बंदी सिखों के हितों के लिए उन्हे दरकिनार कर हमें एकजुट होना चाहिए ’’।
यह कहते हुए कि सभी पंथक संगठनों और पार्टियों के साथ साथ सिंह सभाओं और संत समाज के साथ सलाह करके समन्वित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। सरदार बादल ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इसमें सिखों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री के पास एक प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करना भी हो सकता है। उन्होने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को इस महत्वपूर्ण मुददे पर पंथक एकता के लिए एक स्वर होकर इस दिशा में अगुवाई करने के लिए धन्यवाद दिया , क्योंकि यह मुददा दुनिया भर के सिखों की भावनाओं से संबंधित है।
यह कहते हुए कि ‘‘ बंदी सिखों’’ की रिहाई एक लंबे समय से लंबित मुददा है और पूरा खालसा पंथ के साथ साथ सामान्य रूप से पंजाबियों को उन्हे रिहा करने में देरी करने से आहत हैं। सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि रिहाई अक्टूबर 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर सिख बंदियों की रिहाई को मंजूरी देकर इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा की गई राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के बावजूद रिहा नही किया जा रहा है। उन्होने कहा कि लगभग पचास सिख कैदी थे जो देश भर की विभिन्न जेलों में बंद हैं और उन सभी को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।
यह कहते हुए कि भाई बलवंत सिंह राजोआणा की रिहाई का रास्ता भी साफ हो गया है , जिनकी मौत की सजा को 2019 में केंद्र सरकार ने उम्रकैद में बदल दिया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने प्रो. भुल्लर की दया याचिका पर फैसला करने में अत्यधिक देरी के आधार पर उनकी की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाई राजोआणा को रिहा नही किया जा रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को उनकी दया याचिका पर फैसला लेने का निर्देश दिया था। ‘‘इसी तरह दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार प्रो. भुल्लर की रिहाई को रोक लगा रही है और सरकार के सजा समीक्षा बोर्ड इस मामले में फैसला नही ले रहा है। आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान इस मामले में सिख समुदाय को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
सरदार बादल ने यह भी बताया कि कैसे अकाली दल ने सिख बंदियों की रिहाई के लिए लगातार वकालत करके हमेशा मोर्चे की अगुवाई की है। ‘‘ पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने न केवल भाई राजोआणा को फांसी देेने के न्यायिक आदेशों के खिलाफ अपना कड़ा विरोध व्यक्त किया , बल्कि इन आदेशों को पूरा करने से भी इंकार कर दिया था’’। उन्होने कहा कि अकाली दल ने भाई राजोआणा की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने और बाद में उनकी रिहाई के लिए अनुरोध करने के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।
अकाली दल अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा गैर जिम्मेदाराना ब्यानों के जरिए जिस तरह से साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के तरीकों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होने कहा कि पटियाला में झड़प के बाद आप पार्टी के सांसद राघव चडडा ने दावा किया था कि यह भाजपा और अकाली दल के बीच संघर्ष का परिणाम है। ‘‘ इसी ब्यान की पुष्टि श्री केजरीवाल और बाद में मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। इससे मुख्यमंत्री के अधिकार को कमजोर किया गया , और इससे स्पष्ट हो गया है कि पंजाब सरकार को दिल्ली से चलाया जा रहा है।
सरदार बादल ने कहा कि सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री को राज्य में शांति भंग करने के प्रयासों के बारे चार दिन पहले ही सूचित कर दिया था , लेकिन उन्होने इस पर कोई कार्रवाई नही की। उन्होने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि शिवसेना नेता हरीश सिंगला को उनकी ही पार्टी के साथ साथ हिंदू संगठनों द्वारा मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचाना जाने के बावजूद सरकार ने बलजिंदर सिंह परवाना को मुख्य साजिशकर्ता घोषित किया। इस दुस्साहस को एक खतरनाक प्रवृति करार देते हुए सरदार बादल ने कहा कि आम आदमी पार्टी को पंजाब में साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश नही करनी चाहिए और मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे। उन्होने इस बात की भी पुष्टि की कि अकाली दल राज्य में शांति और साम्प्रदायिक सदभाव के लिए हर संभव प्रयास करता रहेगा।
इस अवसर पर बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सिकंदर सिंह मलूका , डॉ. दलजीत सिंह चीमा, विरसा सिंह वल्टोहा, अमरजीत सिंह चावला, भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल, करनैल सिंह पीरमोहम्मद और हरचरन सिंह बैंस भी मौजूद थे।

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