उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मलेरिया, डेंगू पर नियंत्रण के लिए एडवांस में इंतजाम करने के दिए निर्देश

20 जुलाई तक फॉगिंग, स्प्रे, जलभराव क्षेत्रों और गांव के तालाबों पर कड़ी निगरानी जैसे निवारक उपायों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें- दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़, 8 जुलाई– हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने स्वास्थ्य और विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को राज्य में डेंगू व मलेरिया के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए व्यवस्थित तरीके से फॉगिंग, स्प्रे, जलभराव वाले क्षेत्रों तथा गांव के तालाबों आदि पर सख्त निगरानी रखने सहित सभी निवारक उपायों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उपमुख्यमंत्री आज यहां स्वास्थ्य और विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ मलेरिया व डेंगू से निपटने की तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

पिछले साल मामलों में हुई वृद्धि को देखते हुए श्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ – साथ सभी जिलों में भी निवारक उपायों को पहले से ही लागू किया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पिछले साल मेवात, पलवल, नूंह और होडल सहित चार जिलों से डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। डेंगू फैलने का एक मुख्य कारण मानसून की लंबी अवधि होना था।

उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से फॉगिंग की जाए और फॉगिंग का पहला चरण 20 जुलाई 2022 तक पूरा किया जाए। विभागों में आपसी तालमेल बनाए रखने के लिए दोनों विभागों की ओर से एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।

श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गांव के तालाबों और अन्य जल निकायों में लार्वा प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए अग्रिम तैयारी की जानी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि इन क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखी जाए और तालाबों में गम्बूसिया मछली भी डाली जाए।

बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा, विकास एवं पंचायत विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक श्री धीरेंद्र खडगटा सहित दोनों विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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