लालपुरा ने जागीर कौर की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए सदस्यों को फोन करके एस.जी.पी.सी को तोड़ने की कोशिश की
प्रधानमंत्री से भी लालपुरा की गतिविधियों पर संज्ञान लेने के लिए कहते हुए कहा कि सिख अपने गुरुद्वारों को बी.जे.पी और आर.एस.एस को कभी नही सौंपेंगें
चंडीगढ़/02नवंबर :- शिरोमणी अकाली दल ने आज राष्ट्रपति से शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को तोड़ने की कोशिश कर सिख समुदाय के धार्मिक मामलों में दखल देने के आरोप में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक कमिशन के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा को उनके पद से तत्काल बर्खास्त करने की अपील की है।
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेताओं डॉ. दलजीत सिंह चीमा और महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि लालपुरा एक संवैधानिक पद पर हैं और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी बनती है। उन्होने कहा, ‘‘ ऐसा लगता है कि लालपुरा केवल अपने संसदीय बोर्ड के सदस्य के साथ साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी के रूप में काम करने के बजाय बीजेपी के हितों की रक्षा करने का काम कर रहे हैं। उन्होने कहा कि राष्ट्रपति को उन्हे तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए क्योंकि यह हितों के टकराव का स्पष्ट मामला है, और वह अल्पसंख्यकों , खासकर सिख समुदाय के खिलाफ काम कर रहे हैं’’।
अकाली नेताओं ने कहा कि लालपुरा सीधे एसजीपीसी के सदस्यों को फोन कर रहे हैं और उन्हे आगामी चुनाव में जागीर कौर की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए कह रहा है । उन्होने कहा ,‘‘ सिख समुदाय कभी भी अपने गुरुद्वारों का प्रबंधन भाजपा और आरएसएस को सौंपना बर्दाश्त नही करेगा’’।
सरदार ग्रेवाल और डॉ. चीमा ने केंद्र सरकार से सिख समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नही करने का अनुरोध करते हुए कहा कि एसजीपीसी को तोड़ने और कठपुतलियों की मदद से इसे चलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। नेताओं ने प्रधानमंत्री से लालपुरा की गतिविधियों पर भी ध्यान देने का आग्रह किया कि अल्पसंख्यक कमिशन के अध्यक्ष के रूप में लालपुरा की गतिविधियों जनादेश के खिलाफ हैं।
इस बीच नेताओं ने कहा कि अल्पसंख्यक कमिशन के अध्यक्ष की हालिया गतिविधियां केंद्र और भाजपा राज्यों सरकारों उठाए गए कदम सिख संस्थानों को तबाह करने के लिए की गई हैं। उन्होने कहा कि तख्त श्री हजूर साहिब का प्रबंधन सरकारी उम्मीदवारों को नामित करके सरकार ने अपने हाथों में ले लिया था , फिर दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को भाजपा ने अपने कब्जे में ले लिया , अब हरियाणा के लिए एक अलग गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी का गठन किया गया है। उन्होने कहा , ‘‘एसजीपीसी को उसके वर्तमान स्वरूप में तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है और इस कार्य की दिशा में पहला कदम शीर्ष पद पर एक कठपुतली के चुनाव को सुविधाजनक बनाने के लिए समुदाय को विभाजित करना है’’।
इस अवसर पर भाई गोबिंद सिंह लोंगोंवाल व सरदार इंकबाल सिंह झूंदा भी मौजूद थे।

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