मोरबी पुल त्रासदी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पंजाब के किसानों को बदनाम कर रही है बीजेपी: आप

-पराली जलाने को लेकर पंजाब के किसानों के खिलाफ ‘प्रतिशोध की राजनीति’ कर रही बीजेपी: मलविंदर सिंह कंग

 -हरियाणा भारत का सबसे अधिक प्रदूषित शहर:कंग

 -मान सरकार ने पराली निपटान के लिए 35,583 मशीनें बांटी, पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक:कंग

 – पंजाब में पिछले साल की तुलना में इस बार प्रदूषण स्तर और पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी:कंग

 
चंडीगढ़ 3 नवंबर :-  

आम आदमी पार्टी (आप) ने पराली जलाने के मामले पर पंजाब के किसानों को बदनाम करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कड़ी आलोचना की और कहा कि पंजाब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में ठोस कदम उठाए गए हैं।  इस बार पिछले वर्षों की तुलना में इन मामलों में भारी गिरावट आई है।

गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘आप’ पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि भाजपा पंजाब के किसानों को बदनाम करके और देश में बढ़ते प्रदूषण के लिए उन्हें दोषी ठहराकर गुजरात में मोरबी पुल त्रासदी से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए  केंद्र की मोदी सरकार को मजबूर कर दिया था। इसलिए भाजपा किसानों से बदला लेने के लिए प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। हरियाणा में बीजेपी के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी पंजाब के किसानों पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।

कंग ने एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के उत्तर भारत के आंकड़ों को पेश करते हुए कहा कि देश के 32 शहरों में पंजाब के केवल तीन शहर ही प्रदूषित हैं जबकि इस सूची में हरियाणा के 9 से अधिक शहर शामिल हैं, जो देश में किसी भी राज्य की सबसे अधिक संख्या है। बावजूद इसके भाजपा राज्य के किसानों को पर्यावरणीय खतरों के लिए दोषी ठहराकर बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

कंग ने कहा कि भाजपा अपना रुख स्पष्ट करे कि फरीदाबाद, मानेसर, गुड़गांव, सोनीपत, ग्वालियर, इंदौर और अन्य राज्यों में जहां उनकी सरकार है,वहां सबसे खराब एक्यूआई पर उसके नेता चुप क्यों हैं।

उन्होंने हरियाणा के सीएम को लोगों को यह बताने की चुनौती दी कि उन्होंने राज्य में प्रदूषण की स्थिति को सुधारने के लिए क्या किया है और पराली जलाने के मामलों से निपटने के लिए  कितने किसानों को मशीनें बांटी हैं।

कंग ने कहा कि सीएम मान ने पराली न जलाने के लिए किसानों को 2500 रुपये की आर्थिक सहायता देने की पेशकश की। लेकिन केंद्र ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के बजाय किसानों को किसी भी तरह की सहायता देने से साफ इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए पंजाब के सीएम के ईमानदार प्रयासों के कारण पंजाब ने इस बार धान के तहत 31.44 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया है, जबकि हरियाणा में केवल 13.90 लाख हेक्टेयर है, फिर भी भाजपा शासित राज्य में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।  ऐसा इसलिए है क्योंकि मान सरकार ने 2022-23 में किसानों को 35,583 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें दी हैं, जो कांग्रेस सरकार द्वारा 2021-22 में वितरित की गई 13,796 मशीनों की तुलना में तीन गुना अधिक हैं।

उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल)के माध्यम से किसानों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बना रही है। यह भाजपा का किसानों के प्रति दोहरा मापदंड और किसान विरोधी रवैये को उजागर करता है।


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