चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के ” हरियाणा अनुसूचित दरें ” 33 वर्ष बाद 21.18 प्रतिशत बढ़ाई गई हैं। अगर हम मिट्टी के काम के मामले में पांच किमी की औसत लीड लेकर इसकी तुलना करते हैं तो एचएसआर वर्ष 1988 में दर 170 रुपए प्रति घन मीटर थी जो वर्ष 2021 में 206 रुपए प्रति घन मीटर किया गया है।
आज हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सदन के एक सदस्य द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि एच.एस. आर . 2021 दिनांक 03/05/2021 को जारी गजट अधिसूचना से लागू है । अधिसूचना दिनांक 06/08/2021 के द्वारा अध्याय 2 में कुछ वस्तुओं की मूल दरे , अध्याय 7 , 15 , 17, 20, 21 और 27 में कुछ वस्तुओं के नामकरण में संशोधन किया गया। साथ ही इन अध्यायों में कुछ नई वस्तुओं को जोड़ा गया है । एच . एस . आर . 2021 में दरों को 33 वर्ष की अवधि के बाद संशोधित किया गया है जबकि कुछ वस्तुओं पर अंतिम अधिकतम प्रीमियम वर्ष 2011 में संशोधित किया गया था । एचएसआर 1988 की तुलना में एचएसआर 2021 की दरों में सामान्य वृद्धि या कमी का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता , क्यूंकि एचएसआर 2021 में कई नई वस्तुओं को शामिल किया गया है । हालांकि , सड़क कार्यों , पुल कार्यों और भवन कार्यों से संबंधित कुछ निविदाएं , जिन्हें अधिसूचना से पहले एचएसआर 1988 सीलिंग प्रीमियम पर आमंत्रित किया गया था और अधिसूचना के बाद खोली गई थी । उनकी तुलना एचएसआर 2021 से की गई थी और यह पाया गया कि सड़क के काम के लिए लागत लगभग 15 से 18 प्रतिशत ,भवन कार्यों के लिए लगभग 19 से 21 प्रतिशत और पुल के कार्यों के लिए लगभग 18 से 21प्रतिशत की वृद्धि पायी गई ।
उन्होंने बताया कि मिट्टी के काम के मामले में यदि हम 5 किमी की औसत लीड लेकर इसकी तुलना करते हैं , तो एच . एस.आर. 1988 के अनुसार इसकी दरें रुपए 170 प्रति घन मीटर और एचएसआर 2021 के अनुसार रुपए 206 प्रति घन मीटर है , जो कि एचएसआर 1988 की दरों से 21.18 प्रतिशत अधिक है । पीडब्ल्यूडी , बीएंडआर में निविदाएं पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी तरीके से एनआईसी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आमंत्रित की जाती हैं , जहां बोली लगाने वाले अपने मूल्यांकन के अनुसार दरों को उद्धृत करने के लिए स्वतंत्र हैं । सदन के पटल पर निविदा की दरों का उल्लेख करना उचित नहीं होगा । अब एचएसआर 2021 के आधार पर अनुमान तैयार किए जाते हैं और उसी के अनुसार बजट प्रावधान किए जाते है ।

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