श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन पाक सिख गुरुद्वारा कमेटी को सौंपने का अनुरोध

Sukhbir singh Badal.

कहा कि ईटीबीपी के तहत् गुरुद्वारे के प्रबंधन को नौ नॉन सिख कमेटी को सौंपकर पाक सरकार के फैसले ने दुनिया भर के सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है

चंडीगढ़/05नंवबर: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने तथा पाकिस्तान सरकार से अनुरोध करने का आग्रह किया कि वह श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (पीएसजीपीसी) को बहाल करे तथां ईवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड(ईटीपीबी) के तहत स्थापित नौ मैंबरीय प्रबंधन कमेटी को रद्द करें।

प्रधानमंत्री से इस मुद्दे को पाकिस्तान के समकक्ष इमरान खान के साथ तत्काल उठाने का अनुरोध करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि विदेश मंत्रालय को जल्द से जल्द गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर को यथास्थिति बहाल करने की जिम्मेदारी सौंपी जाए।

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि गैर सिखों ने मिलकर एक प्रोजेक्ट प्रबंधन इकाई (पीएमयू) स्थापित करने के पाकिस्तान सरकार के फैसले से दुनिया भर में सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। ‘सिख समुदाय इस फैसले को धार्मिक अधिकारों पर सीधा प्रहार के रूप में देख रहा है। उन्होने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सिख धर्मस्थल के प्रबंधन को पीएसजीपीसी के दायरे से बाहर निकालकर ईटीपीबी को सौंपा गया है।

सरदार बादल ने पाकिस्तान प्रतिष्ठान द्वारा इस तर्क की निंदा की कि यह निर्णय इस प्रोजेक्ट से वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए लिया गया है। उन्होने कहा कि दरबार साहिब गुरुद्वारो और उससे सटी भूमि जहां पहले सिख गुरु द्वारा खेती की गई थी – श्री गुरु नानक देव जी के उस स्थान को लाखों लोगों द्वारा एक पवित्र स्थान के रूप में पूजा जाता है। ‘पाकिस्तान सरकार को इस मनी मेेकिंग प्रोजेक्ट की तरह नही चलाना चाहिए। उन्होने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पीएसजीपीसी गुरुद्वारे का प्रबंधन करे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्धारित ‘रहत मर्यादा’ का पालन हो।

पाकिस्तान सरकार द्वारा तत्काल सुधार करने की मांग करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान से व्यक्तिगत अपील करते हुए उनसे राज्य के धार्मिक मामलों के मंत्रालय को नौ सदस्यीय प्रोजेक्ट इकाई को समाप्त कर पीएसजीपीसी को सौंपने का निर्देश देने को कहा। सरदार बादल ने कहा कि पवित्र गुरुद्वारा का प्रबंधन और रखरखाव के लिए पीएसजीपीसी को वित्तीय और बुनियादी ढ़ांचा के लिए उचित सहायता दी जानी चाहिए।