Delhi: 25 JAN 2024
गोवा के पणजी में हाल ही में संपन्न हुए इंटरनेशनल पर्पल फेस्ट 2024 में दिव्यांगों के विषय में सभी राज्य आयुक्तों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
इस कार्यशाला में दो विषयों को प्रमुख तौर पर शामिल किया गया। पहला ये कि आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 के तहत दिव्यांगों के अधिकारों को साकार करने में राज्य आयुक्त किस प्रकार सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। इस थीम में विभिन्न प्रकार के विषयों को कवर किया गया। जैसे कि आयुक्तों के लिए अपने आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के उपाय, दिव्यांगता अधिकारों के किसी भी उल्लंघन को संबोधित करने की स्वतः संज्ञान शक्तियां और न्याय तक समयबद्ध और प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करने का उनका कर्तव्य। कार्यशाला का दूसरा विषय सभी राज्य आयुक्तों को दिव्यांगों के प्रति प्रभावी ढंग से संवेदनशील बनाना ताकि वे दिव्यांगों के जीवन की वास्तविकताओं को समझ सकें। उदाहरण के तौर पर, इस दौरान प्रतिभागियों की आंखों पर पट्टियां बांधकर मूवी के अंश चलाए गए ताकि उन्हें ऑडियो विवरण का महत्व समझाया जा सके। उन्हें ऐसी भाषा में संवाद करने के लिए कहा गया जिसे वे समझते नहीं हैं ताकि उन्हें संकेत भाषा या साइन लेंग्वेज का महत्व बताया जा सके। इस कार्यशाला में 21 पर्पल राजदूतों के साथ चर्चा भी हुई। इनमें से हरेक आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त किसी न किसी दिव्यांगता का प्रतिनिधित्व करता था।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यू. यू. ललित ने यहां संबोधन दिया। इसके अलावा, कार्यशाला में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और मिशन एक्सेसिबिलिटी के संरक्षक प्रमुख, न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी का एक प्रेरक संदेश भी रहा। न्यायमूर्ति सीकरी ने विकलांगता कानूनों में उल्लिखित सिद्धांतों और असल दुनिया में उनके असल कार्यान्वयन के बीच के फर्क को मिटाने के लिए इस तरह के व्यावहारिक आयोजनों की आवश्यकता को बताया।
सभी प्रतिभागियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश यह दृढ़ विश्वास था कि दिव्यांगता आयोगों को दिव्यांगता अधिकारों की सुरक्षा के मजबूत प्रहरी के रूप में काम करते रखना चाहिए।

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