महाराष्ट्र सरकार द्वारा सिख धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप

SUKHBIR BADAL
Shiromani Akali Dal (SAD) president Sukhbir Singh Badal today expressed shock at the massive contamination of river waters of the State due to unchecked
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया

चंडीगढ़, 9 फरवरी 2024

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से महाराष्ट्र सरकार को सिखों के अत्यधिक धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकने के लिए ‘‘ तत्काल एवं शीघ्र व्यक्तिगत’ हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

अकाली दल अध्यक्ष ने आज दोपहर प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा, जिसमें नांदेड़ सिख गुरुद्वारा सचखंड हजूर अबचल नगर में संशोधन के माध्यम से तख्त श्री सचखंड श्री हजूर साहिब, नांदेड़, अबचल नगर साहिब (महाराष्ट्र) सरकार द्वारा भड़काउ और खुल्लम खुला हस्तक्षेप के बारे में लिखकर बताया कि  एक्ट 1956 में संशोधन श्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता वाली महाराष्ट्र की वर्तमान शिव सेना सरकार द्वारा किया गया और 4 फरवरी को राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया ।

पत्र में सरदार बादल ने कहा, ‘‘एक्ट में नए संशोधन (2024) के अनुसार सरकारी नामांकित व्यक्तियों की संख्या सात (7) से बढ़ाकर 12 (बारह) कर दी गई। एसजीपीसी के मनोनीत सदस्यों की संख्या 50 फीसदी कर दी गई-यानि वर्तमान में (4) से घटकार केवल (2) कर दी गई।इसी तरह चीफ खालसा दीवान और हजूरी खालसा दीवान के प्रतिनिधियों की संख्या भी बोर्ड से पूरी तरह हटा दी गई है’। सरदार बादल ने कहा कि सिखों के इन दो ऐतिहासिक निकायों का उनके धर्म के सर्वोच्च धार्मिक स्थलों में से एक पर भी प्रतिनिधित्व नही होगा।

सरदार बादल ने कहा कि इससे धर्मनिष्ठ और देशभक्त सिख जनता में असहनीय दर्द और अलगाव पैदा हो गया है जो हमेशा देश की आजादी के साथ साथ  एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने और उसकी रक्षा करने में सबसे आगे रहे हैं।उन्होने कहा,‘‘ हमें अपनी देशभक्ति की भावना पर बेहद गर्व है और उम्मीद है कि देश के लोग और सरकारें इसे स्वीकार करेंगी और इसका सम्मान करेंगी’’।

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बाद सिखों के प्रति भारत सरकार की प्रमुख प्रतिबद्धताओं में से एक यह थी कि एसजीपीसी के जनरल हाउस के दो-तिहाई बहुमत की पूर्व स्वीकृति के बिना यां सिख धार्मिक स्थानों के प्रबंधन यां सिखों के अन्य धार्मिक मामलों के संबंध में कुछ भी नही किया जाएगा।

सरदार बादल ने यह भी बताया कि सिख जनता को उम्मीद थी कि कांग्रेस के प्रभुत्व वाली केंद्र और राज्य सरकारों में बदलाव के साथ देशभक्त समुदाय को न्याय मिलेगा और उनके धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप बंद हो जाएगा।

सरदार बादल ने प्रधानमंत्री से सीधा हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा,‘‘ यह आशा अभी भी पूरी होनी बाकी है’’।