पंजाब सरकार सुखना इको सेंसिटिव ज़ोन के नाम पर नयागांव म्यूनिसिपैलिटी के लाखों लोगों के घरों को खतरे में डाल रही है

— पंजाब कैबिनेट को 3 किलोमीटर तक प्रस्तावित सुखना ई.एस.ज़ेड. को खारिज करना चाहिए, ताकि दो लाख से ज्यादा लोग बेघर न हों: जोशी
— अगर पंजाब सरकार सुखना के आसपास 3 किलोमीटर ई.एस.ज़ेड. को खारिज नहीं करती है, तो नयागांव एमसी के दो लाख लोग हो सकते हैं बेघर: जोशी
— नयागांव म्यूनिसिपैलिटी के लाखों लोग खो देंगे अपना घर, 3 किलोमीटर सुखना ई.एस.ज़ेड. की प्रस्तावित अधिसूचना को करे पंजाब कैबिनेट अस्वीकार

चंडीगढ़, 19 नवंबर 2024

पंजाब सरकार अपनी आगामी कैबिनेट मीटिंग में वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग पंजाब की प्रस्तावित अधिसूचना को अगर मंजूरी देती है तो मोहाली जिले के नयागांव म्यूनिसपल कौंसिल के अंतर्गत आने वाले कांसल, करोरां और नाडा के मकान, दुकानें, अस्पताल, धार्मिक स्थल, होटल आदि पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा और उन्हें गिराने की नौबत भी आ सकती है, यह कहना है पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी जो की नयागांव म्यूनिसिपैलिटी के पार्षद सुरिन्दर कौशीश बब्बल, पार्षद प्रमोद कुमार, पार्षद बबलू कोरी, प्रमुख समाज सेवी अतुल अरोड़ा, मजदूर सेना के महामंत्री मदन मण्डल व, ब्रह्माकुमारीज़ नयागांव के प्रमुख ज्ञान चंद भण्डारी, महामंत्री मिथलानचल छठ पूजा समिति कामेश्वर साह, गऊ सेवा प्रमुख नयागांव सुशील रोहिल्ला के साथ पत्रकार वार्ता संबोधित कर रहे थे ।

जोशी ने कहा कि सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के आसपास 100 मीटर को ई.एस.ज़ेड. (इको सेंसिटिव ज़ोन) रखने के अपने ही दस साल से अधिक पुराने स्टैंड के विपरीत, अब वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग पंजाब ने ई.एस.ज़ेड. को 3 किलोमीटर तक रखने का प्रस्ताव दिया है, यह सरा सर गलत है ।

सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी जो श्रेणी डी के अंतर्गत आती है के लिए अधिकतम 100 मीटर तक का ई.एस.ज़ेड पर्याप्त है और इसे भारत सरकार की भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा प्रमाणित किया गया है। पंजाब सरकार के अधिकारी गरीब और निम्न मध्यम वर्ग की दो लाख की आबादी के प्रति इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं यह समझ से परे है, जोशी ने कहा ।

चंडीगढ़ में घर /फ्लैट खरीदने में असमर्थ लोगों ने 1980 में ही नयागांव और कांसल में छोटे-छोटे प्लॉट किसानों से खरीद घर बनाने शुरू कर दिए थे, उसके बाद करोरां और नाडा गांव में भी घर बनाए । इस क्षेत्र में बिना किसी कानूनी प्रावधान के बन रहे घर, दुकानों, आदि के कारण पैदा हुई अव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने 2006 में नगर पंचायत का गठन किया और 2016 में इसे म्यूनिसपल कौंसिल में अपग्रेड किया। इसके बाद नयागांव म्यूनिसपल कौंसिल का मास्टर प्लान और उसके बाद जोनल प्लान व बिल्डिंग बायलॉज की अधिसूचना जारी की गई और इनकी नियमों की पालना करते हुए लोगों ने पंजाब सरकार से मंजूरी ले घर, फ्लैट, दुकानें, अस्पताल आदि सभी कानून अनुसार बनाए ।

आगामी कैबिनेट के एक फैसले से हजारों निम्न मध्यम वर्ग और गरीब लोग जिन्होंने अपनी जीवन भर की बचत से छोटे-छोटे घर बनाए हैं, अपनी संपत्ति से वंचित हो जाएंगे । विडंबना यह है कि सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के अस्तित्व में आने से पहले ही कांसल, नयागांव, नाडा और करोरां गांव अस्तित्व में थे, फिर भी उन्हें बिना किसी गलती के सज़ा भुगतनी पड़ेगी ।

जोशी ने पंजाब कैबिनेट से पंजाब वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग के उस प्रस्ताव को खारिज करने को कहा जिसमें सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के लिए ई.एस.ज़ेड. को 100 मीटर की जगह 3 किलोमीटर तक रखने का प्रस्ताव है।