अकालियों और कांग्रेसियों की शुगर मिलों ने पंजाब के गन्ना किसानों के पैसे दबा कर किसानों को कंगाली के कगार पर ला खड़ा किया – ‘आप’

Akalis, Cong responsible for pushing sugarcane farmers to abject poverty: AAP

अकालियों और कांग्रेसियों की शुगर मिलों ने पंजाब के गन्ना किसानों के पैसे दबा कर किसानों को कंगाली के कगार पर ला खड़ा किया – ‘आप’

चंडीगढ़, 25 नवंबर 2020

प्रदेश की शुगर मीलों द्वारा पंजाब के गन्ना किसानों की करीब 250 करोड़ रुपए की अदायगी न करने और पिछले 3 सालों से अपने ही पैसे लेने के लिए भटक रहे किसानों की आवाज बुलंद करते आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार पर इन राजनैतिक मिल मालिकों को बचाने का दोष लगाया है। चंडीगढ़ हैडक्वाटर से जारी प्रैस बयान में आम आदमी पार्टी यूथ विंग के प्रदेश सह-प्रधान अनमोल गगन मान ने कहा कि किसानों के खून पसीने की कमाई को दबने वाले ज़्यादातर शुगर मिल मालिक कांग्रेस या अकाली दल के नेता हैं। जिस कारण किसानों की आवाज को कोई नहीं सुन रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शुगर मिल मालिकों ने किसानों का पैसा न दिया तो आम आदमी पार्टी राजनैतिक नेताओं के घरों का घेराव करेगी।

मान ने कहा कि किसानों के खुद बने हमदर्द कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जानबूझ कर धीरे-धीरे शुगर मिल कॉर्पोरेट व्यवस्था खत्म कर दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन ने इस व्यवस्था को इस लिए खत्म किया, क्योंकि उन्होंने अपने पार्टी के नेताओं और अपने चहेतों को यह मिल्स देने थे। उन्होंने कहा कि लोगों के सामने कैप्टन अमरिंदर सिंह झूठ का पाठ पढ़ रहे हैं कि वह किसानों के लिए लड़ रहे हैं और दूसरा उनकी पार्टी के नेता जो शुगर मिल के मालिक हैं। पिछले 3 सालों से किसानों का पैसा नहीं दे रहे और कैप्टन साहेब चुप हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि जो कैप्टन साहेब कर रहे हैं वह सिर्फ नाटक है और सचाई यह है वह किसानों के बारे में सोचते ही नहीं, सोचते हैं तो सिर्फ अपने नेताओं के बारे में।

मान ने कहा कि जो केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी कृषि कानून लेकर आई है, यदि उसे देखा जाए तो वह यह ही सब कुछ है जो कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में पहले से ही चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन और उनके नेता केंद्रीय कृषि कानून के विरुद्ध लडऩे का झूठा नाटक कर रहे हैं, जब कि कैप्टन खुद भी सब कुछ वही कर रहे हैं जो कृषि कानून में दर्ज है। उन्होंने कहा कि यह अब कोई पर्दे वाली बात नहीं है कि कैप्टन का किसान विरोधी चेहरा सामने आ चुका है। कैप्टन ने किसानों का पैसा दबाए बैठे शुगर मिलों के मालिकों को अपने नजदीक लगाया हुआ है और केंद्र की ओर से लाए गए किसान विरोधी खेती कानून को सबसे पहले पंजाब में लागू किया है। मुख्यमंत्री की यदि किसानों के साथ थोड़ी बहुत भी हमदर्दी होती तो वह किसानों के गन्ने का पैसा देने के लिए शुगर मालिकों को मजबूर करते।