स. महेश इन्दर सिंह ग्रेवाल और डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने एजेंसी दल में ज्ञानी हरप्रीत सिंह की अगुवाई वाले नए अकाली धड़े की निंदा की
चंडीगढ़/11अगस्त 2025
वरिष्ठ अकाली नेता स. महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने आज पूर्व जत्थेदार हरप्रीत सिंह पर 2 दिसंबर को जारी किए गए सर्वोच्च स्थान के हुक्मनामे की सरेआम अवहेलना करके श्री अकाल तख्त साहिब की गरिमा को कम करने का आरोप लगाया है।
उन्होने कहा,‘‘यह अविश्वसनीय है कि हरप्रीत सिंह उस हुक्मनामे का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं, जिस पर उन्होने स्वयं हस्ताक्षर किए थे। उन्होने ऐसा करके छठे गुरु श्री हरगोबिंद सािहब द्वारा स्थापित सिख धर्म के सर्वोच्च पद मीरी पीरी का उल्लंघन करने वाले श्री अकाल तख्त साहिब के पहले पूर्व जत्थेदार होने का तगमा हासिल किया है।’’
नेताओं ने इस धड़े को ‘‘एजेंसी दल’’ करार देते हुए कहा,‘‘ असंतुष्ट तथ्वों का धड़ा खालसा पंथ और पंजाब को बांटने और कमजोर करने की पुरानी साजिश में एक नया अध्याय जोड़ रहा है, जिन्होने केंद्रीय एजेंसियों द्वारा प्रायोजित एक संगठन बनाया और जिसका नेतृत्व एजेंसियों के करीबी हरप्रीत सिंह कर रहे हैं। उन्होने कहा कि 2 दिसंबर के हुक्मनामे में सिख नेताओं को अकाली दल के खिलाफ अलग से धड़ा बनाने से सख्त मना किया गया था इसीलिए साफ है कि हरप्रीत सिंह और उनका गिरोह हुक्मनामे की अवहेलना कर रहे हैं।’’
स. महेशइंदर ग्रेवाल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब भी खालसा पंथ भेदभाव के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार होता है तो कुछ कठपुतली बने हमेशा दिल्ली का खेल खेलते हैं और अकाली दल के विरोध में समानांतर धड़ा बना लेते हैं। ’’ अब यह साजिश ऐसे समय में हो रही है जब अकाली दल जमीन हड़पने की नीति के खिलाफ पंजाबियों की लड़ाई और समुदाय के मुददों पर सिख संघर्ष की अगुवाई करने में व्यस्त है।’’
सरदार ग्रेवाल ने ज्ञानी हरप्रीत से यह बताने के लिए कहा कि उन्होने 9 दिसंबर 2024 को उनसे आरएसएस के खिलाफ बोलने से क्यों मना किया था और वे संगठन के साथ अपने अच्छे संबंधों की बात कर रहे थे। उन्होने ज्ञानी हरप्रीत से यह बताने के लिए भी कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के रूप में अपने सात के कार्यकाल में उन्होने दुनिया भर में बिजनेस क्लास में यात्रा करने और पंथ के नाम पर धन एकत्र करने के अलावा क्या क्या हासिल कियाय। उन्होने कहा,‘‘ज्ञानी हरप्रीत ने अपने उस बयान से पीछे हटकर सत्ता के लिए अपने लालच का उजागर कर दिया कि वह कौम का नेतृत्व तभी संभालेंगें जब सभी धड़ों की सर्वसम्मति से उनकी नियुक्ति की जाएगी।’’
डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब दो तरफा हमलों से जूझ रहा है- एक तो उसकी उपजाउ जमीन पर जिसे जबरन एक्वायर किया जा रहा और दूसरा सिख धार्मिक संस्थाओं किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सिख मामलों के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्ति ने एक छोटे से राजनीतिक ग्रुप की अगुुवाई करके अपनी गरिमा को छोटा कर लिया है। उन्होने जोर देकर कहा कि यह सब केंद्र के इशारे पर किया गया है जो अकाली दल को कमजोर करना चाहते हैं। उन्होने यह भी बताया कि कैसे ज्ञानी हरप्रीत ने पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल को दिए गए फख्र-ए-कौम को वापिस लेकर उनकी विरासत को तबाह करने की कोशिश की, जबकि उनके खिलाफ कोई भी शिकायत दर्ज नही की गई थी।

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