दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को मनरेगा से संबंधित योजनाओं को निर्धारित समय सीमा में क्रियान्वित करने के निर्देश दिए 

Matching grants for village chaupals to be increased by the Development and Panchayats Department

दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को मनरेगा से संबंधित योजनाओं को निर्धारित समय सीमा में क्रियान्वित करने के निर्देश दिए

चंडीगढ़, 17 दिसंबर- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत आवंटित धन को दबा कर न बैठें बल्कि संबंधित योजनाओं को निर्धारित समय सीमा में क्रियान्वित कर जनता को इसका लाभ प्रदान करें। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे विकास कार्यों के पूरा होने पर प्रमाण-पत्र निदेशालय को यथाशीघ्र प्रेषित करें।

         उपमुख्यमंत्री, जिनके पास ग्रामीण विकास विभाग का प्रभार भी है, यहां हरियाणा निवास में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा के तहत करवाए जाने वाले कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

         समीक्षा बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, निदेशक हरदीप सिंह, उपमुख्यमंत्री के ओएसडी कमलेश भादू समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। विभिन्न जिलों से सीईओ भी वीडियो कान्फ्रैंसिग से जुड़े हुए थे।

         डिप्टी सीएम ने जिन-जिन जिलों में मनरेगा का कार्य गति नहीं पकड़ पाया है उनमें संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलबी की और प्रदेश के हर गांव में मनरेगा स्कीम के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के आदेश दिए।

         श्री दुष्यंत चौटाला ने मीटिंग के बाद बताया कि मनरेगा के तहत दिए गए टारगेट को विभाग ने इस बार समय से पहले ही पूरा कर लिया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 के लिए 140 लाख कार्य-दिवस निर्धारित  किए गए थे जिनमें से 125 लाख कार्य-दिवस नवंबर 2020 तक ही पूरे कर लिए हैं जो कि कुल कार्य का 90 प्रतिशत है। पिछले वर्ष 2019-20 में मनरेगा के अंतर्गत करवाए जाने वाले काम के लिए 91.19 लाख कार्य-दिवस तय किए गए थे।

         उन्होंने बताया कि अधिकारियों को गरीबों के पशुओं के लिए मनरेगा के तहत बनाए जाने वाले कैटल-शैड बनाने में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कड़ाके ठंड को देखते हुए इन कैटल-शैड को बनाने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने 15 जनवरी 2021 तक 10 हजार शैड के निर्माण करवाने के निर्देश दिए हैं।

         उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत करवाए जाने वाले पैंडिग कार्यों को स्वीकृति के लिए मुख्यालय में एक सप्ताह तक भेज दें ताकि आगामी पंचायती-चुनाव के लिए लगने वाली आचार-संहिता से पूर्व इन कार्यों को शुरू किया जा सके।