वर्ष 2020 में 1.66 लाख से अधिक नागरिकों ने ‘नो योर केस’ योजना के तहत पुलिस थानों में जाकर अपने केस की मौजूदा स्थिति की जानकारी हासिल की

Secret inputs received from public resulted in the seizure of 765 kg of narcotic substances in Haryana in 2020

वर्ष 2020 में 1.66 लाख से अधिक नागरिकों ने ‘नो योर केस’ योजना के तहत पुलिस थानों में जाकर अपने केस की मौजूदा स्थिति की जानकारी हासिल की

चंडीगढ़, 18 जनवरी – पुलिस कार्यों में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता का समावेश करने के उद्देश्य से हरियाणा पुलिस द्वारा चलाई जा रही ‘नो योर केस’ योजना के तहत वर्ष 2020 में 1.66 लाख से अधिक नागरिकों ने पुलिस थानों व चैकियों में जाकर अपने केस की मौजूदा स्थिति की जानकारी हासिल की।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) श्री नवदीप सिंह विर्क ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत गत वर्ष जनवरी से दिसंबर के बीच 89353 लोगों ने पुलिस थानों में अपनी शिकायतों की प्रगति बारे रिपोर्ट हासिल की जबकि 76864 लोगों ने उनके द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मामलों की जानकारी प्राप्त की।
कोविड महामारी के बावजूद, ये आंकड़े सीधे तौर पर हरियाणा पुलिस की पारदर्शी और सार्वजनिक-उन्मुख पुलिसिंग पहल के प्रति जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि ‘नो योर केस’ योजना से मामलों एवं शिकायतों के समयबद्ध निपटान के साथ-साथ पुलिस-पब्लिक इंटरेक्शन को और बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है।
श्री विर्क ने बताया कि जिला फरीदाबाद में सर्वाधिक 30,135 नागरिकों ने सीधे जांच अधिकारियों या वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर शिकायतों और आपराधिक मामलों की प्रगति बारे जानकारी ली। इसी प्रकार, गुरुग्राम और पलवल जिलों में केस संबंधी जानकारी प्राप्त करने वालों का आंकडा क्रमश: 20,527 और 18,502 दर्ज किया गया।
एडीजीपी ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा अपनी कार्यप्रणाली में और अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है। इसके तहत, सभी पर्यवेक्षी अधिकारी, स्टेशन हाउस अधिकारी, जांच अधिकारी और एमएचसी अपने संबंधित पुलिस स्टेशनों/इकाइयों में आगंतुकों/शिकायतकर्ताओं को नवीनतम स्थिति की जानकारी देने के लिए मौजूद रहते हैं। प्रत्येक माह अंतिम शनिवार और रविवार को सुबह 9 से 11 बजे तक ‘नो योर केस’ दिवस के रूप में तय किया गया है। पूरी कवायद संबंधित पुलिस उपाधीक्षक की मौजूदगी में की जाती है और साथ ही पुलिस मुख्यालय सहित संबंधित अधिकारियों द्वारा योजना की मासिक प्रगति की उच्च स्तर पर निगरानी भी की जाती है।