कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन कैबिनेट द्वारा पहली अप्रैल से पंजाब में महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ़्त बस सफऱ करने की स्कीम मंज़ूर

chief minister punjab Captain Amrinder Singh
चंडीगढ़, 31 मार्च:
पंजाब में महिलाएं पहली अप्रैल से सभी सरकारी बसों में राज्य में मुफ़्त सफऱ करेंगी। इस फ़ैसले सम्बन्धी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा इसी महीने पहले किए गए ऐलान पर आज मंत्रीमंडल की बैठक में मंज़ूरी देकर पक्की मोहर लगा दी।
राज्य में महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा की जा रही कोशिशों के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने 5 मार्च को विधानसभा में महिलाओं को मुफ़्त सफऱ करने की स्कीम का ऐलान किया था।
इस स्कीम का फ़ायदा राज्य भर में 1.31 करोड़ महिलाओं/लड़कियों को होगा। जनगणना 2011 के अनुसार पंजाब की कुल जनसंख्या 2.77 करोड़ है, जिसमें 1,46,39,465 पुरुष और 1,31,03,873 महिलाएं हैं।
स्कीम के अंतर्गत पंजाब की निवासी महिलाएं सरकार द्वारा चलाई जा रही बसों में मुफ़्त सफऱ कर सकेंगी, जिसमें पैप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कोर्पोरेशन (पी.आर.टी.सी.), पंजाब रोडवेज़ बस्ज़ (पनबस) और स्थानीय सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सिटी बस सर्विसज़ शामिल हैं। यह स्कीम सरकारी ए.सी. बसों, वोलवो बसें और एच.वी.ए.सी. बसों में लागू नहीं होगी। इस स्कीम का फ़ायदा लेने के लिए पंजाब की रिहायश के सबूत के तौर पर आधार कार्ड, वोटर कार्ड या कोई अन्य सबूत का दस्तावेज़ अपेक्षित होगा।
आगे कहा गया कि पंजाब सरकार के कर्मचारी जो चंडीगढ़ में रहते हैं, उनके पारिवारिक सदस्य महिलाएं या चंडीगढ़ में रहने वाली पंजाब सरकार की कर्मचारी महिलाएं भी इस मुफ़्त बस सफऱ सुविधा का फ़ायदा उठा सकती हैं। वह चाहे किसी भी उम्र वर्ग, आमदन मापदंड के दायरे में आती हों, सब सरकारी बसों में मुफ़्त सफऱ कर सकती हैं।
स्कीम से न सिफऱ् रोज़मर्रा की ट्रांसपोर्ट महँगी होने के कारण लड़कियों की स्कूल छोडऩे के अनुपात को घटाने में मदद मिलेगी, बल्कि काम-काजी महिलाओं को भी सुविधा मिलेगी, जो रोज़मर्रा के अपने काम पर जाने के लिए काफ़ी दूरी का सफऱ तय करती हैं। यह सुविधा किसी भी आर्थिक गतिविधि में शामिल होने जा रही महिला को सुरक्षित, सस्ता और भरोसेमन्द सफऱ सुनिश्चित बनाएगी। यह स्कीम जहाँ महिलाओं और उनके साथियों को सरकारी ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करने के लिए उत्साहित करेगी, वहीं सडक़ पर चलने वाले निजी वाहनों की संख्या में स्वाभाविक तौर पर कमी आएगी, जिससे प्रदूषण, हादसों और वाहनों की भीड़ में कमी आएगी।