कोविड संक्रमित मरीजों के भर्ती व डिस्चार्ज करने के लिए दिशा निर्देश जारी

 

जयपुर, 29 अप्रेल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्राी डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर प्रदेश में उपलब्ध
संसाधनों को देखते हुए कोविड संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती एवं डिस्चार्ज करने के संबंध में प्रदेश
के राजकीय व निजी चिकित्सालयों के प्रभारियों और अधीक्षकों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।
चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया ने इस संबंध में वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों से विचार
विमर्श कर दिशा निर्देश जारी किए हैं।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुधीर भंडारी ने बताया कि हल्के लक्षण या लक्षण रहित
कोविड के रोगियों का घर पर ही उपचार सम्भव है। इन रोगियों की समय-समय पर घर पर रक्त में
ऑक्सीजन स्तर की जांच पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यम या गंभीर लक्षण
वाले रोगियों में यदि ऑक्सीजन लेवल सही है 1⁄490 प्रतिशत से अधिक1⁄2 तो उनकी भी समय-समय पर घर पर
ही मॉनिटरिंग की जाए। स्थिति में बदलाव या स्थिति गंभीर होने पर तुरन्त चिकित्सक की निगरानी में
उपचार कराया जाए।
डॉ. भंडारी ने बताया कि श्वास लेने में तकलीफ होने, सीने में दर्द, चक्कर आने, मानसिक स्थिति में
बदलाव आने की स्थिति में तुरंत रोगी का चिकित्सक की निगरानी में उपचार कराया जाए। उन्होंने बताया
कि मध्यम या गम्भीर लक्षण होने, श्वास लेने में अत्यधिक परेशानी होने 1⁄4श्वसन दर 30 प्रति मिनट से अधिक
हो 90 प्रतिशत से कम हो1⁄2 या पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा मापने पर ऑक्सीजन लेवल निरन्तर कम होने या
मानसिक स्थिति में बदलाव, रक्तचाप में कमी के संकेत एवं लक्षण, सीने में दर्द 1⁄4हृदयाघात के लक्षण1⁄2, खून में
थक्के जमने की संभावना या इंफ्लेमेटरी मारकर्स में अत्यधिक वृद्धि होने पर रोगियों को तुरंत अस्पताल में
भर्ती कर इलाज प्रारंभ किया जाए।
एसएमएस प्रिन्सिपल ने कहा कि मरीज की क्लीनिकल स्थिति, ऑक्सीजन लेवल एवं इंफ्लेमेटरी
मारकर्स के आधार पर पिछले 48 घंटे में रोगी की स्थिति स्थिर रहने और बीमारी नहीं बढ़ने के लक्षण हो।
रोगी का कमरे की हवा में श्वास लेते हुए ऑक्सीजन लेवल निरन्तर 90 प्रतिशत से अधिक हो या घर पर
ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में सक्षम हो या रोगी की अन्य बीमारियों में जैसे मानसिक स्थिति में बदलाव,
रक्तचाप में कमी, सीने में दर्द, खून के थक्के जमने एवं इंफ्लेमेटरी मारकर्स में वृद्धि इत्यादि में सुधार हो तो
ऐसे मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों को कोविड की
आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट डिस्चार्ज के लिए आवश्यक नहीं है।