पंजाब सरकार ने राज्य में तकनीकी शिक्षा में सुधारों के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए – चन्नी

minister charanjit channi
मौजूदा अकादमिक वर्ष के दौरान सरकारी आई.टी.आईज में मंजूरशुदा सीटों में 62.24 प्रतिशत विस्तार, दाखिलों में 61.91 फीसदी वृद्धि
डी.एस.टी के अधीन 8500 विद्यार्थियों को उद्योगों में मिलेगा लाभप्रद रोजगार
चण्डीगढ़, 15 दिसंबरः
समाज के आर्थिक तौर पर गरीब वर्गों को मानक शिक्षा देने हेतु तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की तरफ से शैक्षिक सत्र 2020 -21 के दौरान सरकारी आई.टी.आई. में पिछले एक दशक के दौरान सीटों की संख्या 24,000 सीटों से बढ़ कर 37,996 कर दी गई है।
तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के अनुसार अगस्त 2020 तक मंजूरशुदा 37,996 सीटों में से 36,358 भरी जा चुकी हैं जबकि पिछले वर्ष मंजूरशुदा 23,652 में से 22,512 सीटें भरी गई थीं। इन आंकड़ों से अनुसार मौजूदा वर्ष के दौरान सरकारी आई.टी.आईज में मंजूरशुदा सीटों में 62.24 प्रतिशत वृद्धि हुयी है  और दाखिलों मंे विस्तार फीसद 61.91 रहा है।
स. चन्नी ने बताया कि इसी तरह सरकारी पोलीटेकनिक में दाखिले में शैक्षिक सत्र 2020 -21 दौरान 87 प्रतिशत का विस्तार दर्ज किया गया है जोकि 2019 -20 में 60 प्रतिशत था, क्योंकि हमारे नौजवानों ने अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए विभिन्न तकनीकी कोर्सों में गहरी रूचि दिखाई है।
मंत्री ने बताया कि विभाग की तरफ से इस साल सीटों की संख्या बढ़ाने का बढ़िया फैसला लिया गया है क्योंकि पिछले साल सरकारी आई.टी.आईज में दाखिले के लिये लगभग 70,000 आवेदन आये थे, जिनमें से लगभग 47,000 विद्यार्थी दाखिला न ले सकेे। इन सीटों की वृद्धि से कई गरीब विद्यार्थियों को नाममात्र 3400 रुपए सालाना सरकारी फीस पर व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जायेगा।
स. चन्नी ने बताया कि किये गए कुल दाखिलों में से इस साल 16,646 अनुसूचित उम्मीदवारों ने दाखिला लिया है जबकि पिछले साल 10,979 उम्मीदवारों ने दाखिले लिए। इस पहलकदमी को गरीब समर्थकी बताते हुये उन्होंने आगे कहा कि यह समाज के पिछड़े वर्गों से सम्बन्धित विद्यार्थियों को सरकारी आई.टी.आईज में अलग-अलग व्यावसायिक कोर्सों में मुफ्त प्रशिक्षण मुहैया करवा के अपनी रोजी -रोटी कमाने के योग्य बनाने में सहायक होगी।
तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री अनुराग वर्मा ने उद्योग और तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण में तालमेल की जरूरत पर जोर देते हुये कहा कि उद्योग के सहयोग से लागू की जा रही प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इस प्रणाली के अंतर्गत विद्यार्थियों को हरेक छह महीनों की थ्यूरैटीकल और औद्योगिक इकाईयों में छह महीनों का प्रैक्टिकल प्रशिक्षण दिया जायेगा।
श्री अनुराग वर्मा ने बताया कि डी.ऐस.टी स्कीम के अधीन ऐसी 413 ईकाईयों को चलाया जायेगा जिससे 8500 विद्यार्थी लाभप्रद रोजगार हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि नामवर औद्योगिक घरानों के साथ पहले ही तालमेल /सहयोग किया गया है, जिनमें हीरो साईकलज, ट्राइडेंट लिमटिड, एवन साईकलस, स्वराज इंजन लिमटिड, महिन्दरा एंड महिन्दरा, फेडरल मोगल (पटियाला), गोदरेज एंड बुआइस लिमटिड (मोहाली), इंटरनैसनल ट्रैकटरज लिमटिड (सोनालिका) होशियारपुर, एनएफएल बठिंडा और नंगल, हीरो यूटिक इंडस्ट्री (लुधियाना), पंजाब ऐलकलीज एंड कैमीकलज लिमटड (नंगल) के इलावा लैक्मे इंडिया लिमटिड, होटल हयात और होटल ताज शामिल हैं। ——-