आम आदमी पार्टी ने सरकार से ट्रांसपोर्ट चालकों को वित्तीय सहायता देने की मांग की


…दिल्ली की तर्ज पर पांच-पांच हजार रुपए की सहायता दे सरकार

चंडीगढ़, 6 मई
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब की विधायिका बलजिन्दर कौर और ट्रांसपोर्ट विंग के प्रदेश प्रधान दलबीर सिंह टोंग ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पंजाब की कांग्रेस सरकार ने ट्रांसपोर्ट कारोबारियों, ड्राइवरों और खच्चर रेहड़ी चालकों को कोई राहत नहीं दी, बल्कि पाबंदियां लगा कर उनको बेरोजगार कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर ट्रांसपोर्ट के साथ जुड़े लोगों को तुरंत पांच-पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाये।
वीरवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर से जारी एक बयान में विधायिका बलजिन्दर कौर और ट्रांसपोर्ट विंग के प्रदेश प्रधान दलबीर सिंह टोंग ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बिना विशेष योजना के पाबंदियां लगा कर ट्रांसपोर्ट का कारोबार ठप्प कर दिया है। यातायात बंद होने के कारण ट्रांसपोर्ट कारोबार को भारी चोट लगी है। जिस कारण ट्रांसपोर्ट के कारोबार के साथ जुड़े लोगों के लिए अब रोजी रोटी कमाना कठिन हो गया है।
बीबी बलजिन्दर कौर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वाहनों में दो से अधिक यात्री बिठाने की आज्ञा न देना, न ही व्यापारिक तौर पर सही है और न ही व्यावहारिक तौर और सरकार ने पाबंदियां तो लगा दी, परन्तु कारोबारियों को आर्थिक राहत देने के लिए क्यों कोई व्यवस्था नहीं की?
दलबीर सिंह टोंग ने कहा कि ट्रांसपोर्ट कारोबार पर पाबंदियां लगा कर कोरोना के साथ नहीं निपटा जा सकता। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ पंजाब सरकार ने बैंक, सरकारी दफ्तर और शराब की दुकानें खोलने के आदेश दिए हैं, जहां लोग बड़ी संख्या में इक_े होते हैं। दूसरी तरफ़ सरकार ने यातायात वाहनों में संख्या की सवारियां बैठाने के हुक्म दे दिए। ऐसे हालत में कारों, टैम्पो चालकों को बहुत ज़्यादा नुक्सान हो रहा है। यह कारोबारी सरकारी पाबंदियों कारण हो रहे नुक्सान की पूर्ति कैसे करेंगे। क्या सरकार के पास नुक्सान की पूर्ति के लिए कोई योजना है?
कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की अलोचना करते आप नेताओं ने कहा कि कैप्टन सरकार को दिल्ली सरकार से सबक लेने की ज़रूरत है। पंजाब सरकार तुरंत कार्यवाही करके कारों, आटो, टैम्पो, रिक्शा रेहडिय़ां, खच्चर रेहडिय़ां और ट्रक चालकों को आर्थिक गुज़ारे के लिए वित्तीय सहायता दे।