कहा कि पंजाब में इस योजना को लागू करने पर पुनर्विचार करें: डाॅ. दलजीत सिंह चीमा

मुख्यमंत्री डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना का सख्ती से विरोध करेंशिरोमणी अकाली दल

चंडीगढ़/31मार्च , 2021

शिरेामणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा है कि वह अनाज की सरकारी खरीद के लिए डायरेक्ट  बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना का  जमकर विरोध करें, ताकि इसे लागू करने के लिए समय मांगा जा सके तथा केंद्र को पंजाब पर जबरदस्ती इस योजना को लागू करने पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।

पूर्व मंत्री डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आगामी ‘रबी’ की फसल से इस योजना को लगाू करने में सहमति देकर गलती की है। उन्होने कहा कि ‘ मुख्यमंत्री की इस सहमति के कारण ही केंद्र सरकार अब सरकार को इस योजना को तुरंत लागू करने के लिए मजबूर कर रही है

मुख्यमंत्री से यह स्पष्ट करने के लिए कहा सदियों पुरानी प्रथा के अनुसार  आढ़तियों के माध्यम से किसानों से खरीदे गए अनाज के लिए राज्य के अधिकारों का बचाव  क्यों नही किया। डाॅ. चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले एक साल से इस मुददे पर प्रधानमंत्री से मिलने में नाकाम रहे हैं। ‘ इसी तरह अन्य सभी राजनीतिक दलों को आम सहमति बनाने का कोई प्रयास नही किया गया ताकि राज्य की शक्तियों को उल्लंघन करने के साथ साथ संघीय व्यवस्था को कमजोर करने वाले कदमों को रोका जा सके

इस बात पर जोर देते हुए कि कांग्रेस सरकार ने प्रस्तावित डीबीटी प्रणाली का विरोध नही किया था, अकाली नेता ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह बड़ी ही विनम्रता से केंद्र के आगे झूक गए तथा यह जानते हुए भी कि यह आदेश गलत है क्योंकि  राज्य के किसान पंजाब में नई प्रणाली का आवेदन नही चाहता था।

डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने केंद्र सरकार से पंजाब में डीबीटी स्कीम लागू करने पर पुनर्विचार करने के लिए अनुरोध किया है। उन्होने कहा कि पंजाब में एक आम सहमति है कि यह योजना मुश्किलें पैदा करेगी। ‘जो किसान पट्टे पर जमीन लेते है तथा इसके साथ साथ एनआरआई भी प्रभावित होंगे तथा उनके हितों को ध्यान में रखते हुए यह प्रभावी उपाय नही है’। उन्होने कहा कि केंद्र की जिदद की वजह से जानबूझकर सदियों पुरानी व्यवस्था को बदला जा रहा है क्योंकि किसान तीनो खेती कानूनों का विरोध कर रहे हैं उन्हे सबक सिखाने के लिए नई व्यवस्था शुरू कर रहा है।

अकाली नेता ने कहा कि 10 अपै्रल को गेंहू की खरीद शुरू होने से पहले नई व्यवस्था को लागू करने का कोई मतलब नही है। उन्होने कहा कि नई प्रणाली लागू करने के किसी भी कदम से खरीद प्रक्रिया प्रभावित होगी। ‘ उन्होने केंद्र से इस योजना को स्थायी रूप से बंद करने की मांग की।