मानसा महिला नसबन्दी में पहले स्थान पर, पुरूष नसबंदी में जालंधर अव्वल और मिनी लैप में अमृतसर रहा अग्रणी
चंडीगढ़, 11 जुलाईः
विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर परिवार नियोजन प्रोग्राम के अंतर्गत बढि़या प्रदर्शन करने वाले जिलों को सम्मानित किया गया। महिला नसबन्दी में मानसा पहले स्थान पर रहा, पुरूष नसबंदी में जालंधर अव्वल और मिनी लैप में अमृतसर पहले स्थान पर रहा। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने दी।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए स. सिद्धू ने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से मुहैया करवाई जा रही परिवार नियोजन की मुफ्त सेवाओं बारे लोगों को जागरूक करने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया। उन्होंने कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस का इस साल का विषय है ‘आपदा दौरान परिवार नियोजन दी तैयारी, समर्थ राष्ट्र ते परिवार दी पूरी जिम्मेदारी’। उन्होंने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान भी बढ़ रही जनसंख्या में स्थिरता लाने के लिए बीमारी और मां और नवजात बच्चों की मृत्यु दर को घटाना जरूरी है।
मंत्री ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वह सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही डिलीवरी करवाएं और परिवार नियोजन के तरीकों को अपनाकर अपने परिवार को सीमित रखने और स्वास्थ्य सहूलतों का अधिक से अधिक लाभ लें। यह सभी सेवाएं राज्य सरकार द्वारा मुफ्त में प्रदान की जाती हैं।
इस दौरान डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डॉ. प्रभदीप कौर जौहल ने बताया कि यह बढ़ रही जनसंख्या की समस्या से निपटने का समय है, परिवारों की जिम्मेदारी है कि वह जनसंख्या को काबू में रखंे और दूसरों को भी परिवार नियोजन प्रोग्राम सम्बन्धी जागरूक करके इसी लाभ से परिचित करवाएं।
डॉ. जौहल ने बताया कि पंजाब के स्कूलों में 5, 10 और 16 साल की उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण स्कूल हैल्थ टीमों द्वारा किया जाता था। परन्तु इस बार कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्कूल बंद हो गए हैं और यह टीकाकरण अब अलग-अलग जागरूक प्रोग्रामों के द्वारा गाँवों में धार्मिक स्थानों से मुनादी करके बच्चों का टीकाकरण करवाया जा रहा है।
इस दौरान नेशनल हैल्थ मिशन पंजाब के डायरैक्टर डॉ. परविन्दरपाल सिंह सिद्धू ने बताया कि आज 11 जुलाई, 2020 को राज्य भर में विश्व जनसंख्या दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। यह दिवस 11 जुलाई 1989 से मनाया जा रहा है। भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब की कुल जनसंख्या 2,77,43,338 (2 करोड़ 77 लाख 43 हजार 338) थी, जोकि अब लगभग 3 करोड़ के पर हो गई है, जोकि एक चिंता का विषय है। जनसंख्या में स्थिरता लाने के लिए आर्थिक और सामाजिक विकास जैसे विषयों को आधार माना जाता है।

English






