दूध उत्पादकों को रोजाना 3 लाख रुपए का वित्तीय लाभ होगा
चंडीगढ़, 6 जुलाईः
कोविड-19 महामारी और कर्फ्यू /लॉकडाउन के चलते डेयरी उद्योग पर पड़े बुरे प्रभावों के चलते वेरका ने एक बार फिर से पंजाब के किसानों को राहत पहुंचाते हुए पिछले दो महीनों में दूसरी बार पशु खुराक के दाम घटाने का फैसला किया।
सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को बड़ी आर्थिक राहत देते हुए पशु खुराक का दाम 80-100 रुपए प्रति क्विंटल घटा दिया है। इस कदम से दूध उत्पादकों को रोजाना करीब 3 लाख रुपए का वित्तीय लाभ होगा।
स. रंधावा ने बताया कि वेरका द्वारा सीधे तौर पर दाना मंडियों में से मक्के की खरीद शुरू की गई है। वेरका द्वारा मंडी में जाकर सीधी खरीद करने से जहाँ वेरका को बढि़या गुण का मक्का प्राप्त हुआ है वहीं किसानों को भी पैदावार के वाजिब दाम मिलने शुरू हो गए हैं। सहकारिता मंत्री ने कहा कि पशु खुराक के दाम में कटौती के कारण खुराक के गुण से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाता जिससे दुधारू पशूओं की उत्पादकता क्षमता बनी रहती है।
स. रंधावा ने कहा कि दूध उत्पादक वेरका की प्रगति का मुख्य आधार हैं और साथ ही कृषि के सहायक धंधे के तौर पर डेयरी उद्योग ही सबसे बढि़या प्रफुल्लित हुआ है। उन्होंने दूध उत्पादकों को विश्वास दिलाया कि कोविड के कारण सरकारी राजस्व में आई भारी गिरावट के बावजूद राज्य सरकार किसानों का पूरा ध्यान रख रही है और आने वाले समय में भी उनका पूरा ध्यान रखेगी।
मिल्कफैड के चेयरमैन कैप्टन हरमिन्दर सिंह ने बताया कि वेरका किसानों का अपना संस्थान है जोकि दूध उत्पादकों के हितों के लिए हमेशा से काम करता आ रहा है और करता रहेगा। वेरका द्वारा दूध उत्पादकों के दूध की खरीद ही नहीं की जाती बल्कि दूध उत्पादकों के लिए बढि़या गुणवत्ता की पशु खुराक वाजिब दरों पर मुहैया करवाई जाती है। वेरका द्वारा डेयरी किसानों को तकनीकी सेवाएं भी उपलब्ध करवाई जाती हैं जैसे कि डेयरी किसानों के पशूओं के लिए चिकित्सा सुविधा और सस्ती दवाएँ, बढि़या गुण का वीर्य, कृत्रिम गर्भदान सेवाएं और उच्च गुण का बीज सस्ते दामों पर पहुँचाया जाता है।
मिल्कफैड के एम.डी. श्री कमलदीप सिंह संघा ने कहा कि पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया कोरोना का कहर बर्दाश्त कर रही है जिससे हर वर्ग के उद्योगों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कहर के चलते डेयरी किसानों के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। इस मुश्किल घड़ी में वेरका ने किसानों को राहत प्रदान की और उनको आर्थिक पक्ष से सहारा देने के लिए पहले मई महीने में पशु खुराक के दाम घटाये और अब दो महीनों के बाद दूसरी बार फिर से दाम घटाने का फैसला किया गया।
श्री संघा ने कहा कि कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के समय वेरका ने अपनी क्षमता से अधिक दूध उत्पादकों के दूध की खरीद की और किसानों के डेयरी के धंधे को प्रभावित नहीं होने दिया। वेरका के दोनों पशु खुराक प्लांट जोकि खन्ना (लुधियाना) और घणिया के बांगर (गुरदासपुर) में स्थित हैं, ने भी अपनी पूरी क्षमता से काम करते हुए किसान भाइयों के दुधारू पशूओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली पशु खुराक उपलब्ध करवाई और पशूओं को खुराक की कमी नहीं आने दी। इसके अलावा वेरका द्वारा किसान भाइयों को दी जा रही तकनीकी सेवाएं भी जारी रखी र्गइं। यह समूचा प्रबंध वेरका द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए केंद्रीय और पंजाब सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की गई हिदायतों का पालन करते हुए किया गया।
—-

English






