पुलिस स्वेच्छा से कर रही है राहत कार्य
राज्य में पड़ाव वार छूट देना समिति के विचाराधीन परन्तु किसी को भी कफ्र्यू का उल्लंघन करने नहीं दिया जाएगा
कोविड संकट से निपटने के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन में से किसी किस्म की कटौती नकरने का विश्वास प्रकट किया
चंडीगढ़, 14 अप्रैल:
कोविड -19 के खिलाफ अगली कतार में संघर्ष कर रहे पुलिस कर्मियों को भी पंजाब सरकार पी.पी.ई. किटें मुहैया करवाएगी।
इसका खुलासा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज एक वीडियो प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान किया। उन्होंने कहा की सबसे पहली प्रथमिकता स्वास्थ्य कामगारों को सुरक्षा देने की है जिसके लिए राज्य के पास पहले ही 16000 किटें हैं। उन्होंने कहा की अस्पतालों में सभी डाक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सेनिटेशन वर्करों के लिए ऐसी किटें उपलब्ध होने के बाद पुलिस मुलाजिमों को देने के लिए इन कीटों के लिए सरकार इनकी और खरीद कर रही है। उन्होंने कहा की मौजूदा संकट के दौरान पुलिस भी बड़े जोखिम का सामना कर रही है।
पटियाला में पुलिस पार्टी पर हमले के दौरान एक ए.एस.आई. का हाथ काटे जाने बारे पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा की उन्होंने डी.जी.पी. को इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, निहंग क्या सोचते हैं? क्या यह सब कुछ करके वह बच जाएँगे।? उन्होंने कहा की इस घटना संबंधी सुनते ही उनको बहुत गुस्सा आया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा की ए.एस.आई. हरजीत सिंह बहुत बहादुर जवान है।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया की पुलिस द्वारा अपने प्रयासों और साधनों से ही राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा की पुलिस मुलाजिमों को राज्य में कफ्र्यू को लागू करवाने और अमन -कानून की व्यवस्था बनाए रखने की ड्यूटी के अलावा कोयी अन्य कार्य करने के लिए नहीं कहा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा की कफ्र्यू की बन्दिशों के कारण लोगों को पेश मुश्किलों संबंधी उनकी सरकार परिचित है परन्तु कोविड की महामारी के फैलाव को रोकनेे के लिए यह बंदिशें जारी रखने के सिवा अन्य कोयी रास्ता नहीं था। उन्होंने माना की लॉकडाउन सितम्बर महीने तक जारी नहीं रखा जा सकता जबकि स्वास्थ्य माहिरों के अनुसार भारत में सितम्बर तक कोविड पर काबू पाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा की फिलहाल कफ्र्यू / लॉकडाउन का सख्ती से पालन करना होगा और पुलिस को हिदायतें दी गई हैं की लोगों को बाहर निकलने के मौके पर मास्क पहनने समेत कफ्र्यू का उल्लंघन की इजाजत नदी जाये।
यह मानते हुए की राज्य में किये जा रहे कोविड के टैस्टों की संख्या काफी नहीं है, कैप्टन अमरिन्दर ने कहा की सामूहिक टेस्टिंग के लिए कम से कम 10 लाख रैपिड टेस्टिंग कीटों की जरूरत है जो सरकार ने आई.सी.एम.आर. से आर्डर की थीं। अब तक सिर्फ 1000 किटें ही प्राप्त हुयी हैं जो मोहाली और जालंधर में प्रयोग में लाईं जा रही हैं।
बंदिशों में ढील दिए जाने के मुद्दे पर जैसा की आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी ऐलान किया गया है, मुख्यमंत्री ने कहा की उनकी सरकार द्वारा गठित समिति लोगों के स्वास्थ्य से समझौता किये बिना ऐसा करने के तौर -तरीकों की पहले ही आलोचना कर रही है। उन्होंने कहा की इस समय लोगों की जिंदगी और स्वास्थ्य मुख्य प्राथमिकता है। उन्होंने आगे कहा की छूटें पड़ाववार तरीकेे से दी जानी चाहिएं और इस उद्देश्य के लिए बनायी गई टास्क फोर्स द्वारा आगामी रणनीति बनायी जा रही है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा की मौजूदा समय में राज्य में शराब के ठेकों को खोलने का कोयी प्रस्ताव नहीं है क्योंकि इस समय विशेष ध्यान जरूरी वस्तुयों की सप्लायी चेन को यकीनी बनाने पर है। उन्होंने कहा की समय आने पर इस बारे में भी फैसला लिया जायेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की कोविड -19 के विरुद्ध जंग के खर्चों को जुटाने के लिए फंड पैदा करने के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतनों में कटौती करने का कोयी प्रस्ताव नहीं है।
राज्य के लिए केंद्र सरकार के समर्थन सम्बन्धी एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा की उनकी सरकार ने पहले ही एक विशेष पैकेज की मांग की है जिसमें हस्पताल के नवीनीकरण के लिए 729 क्रोड़ रुपए, एडवांस्ड वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए 550 क्रोड़ रुपए और जी.एस.टी. बकाए के 4400 क्रोड़ रुपए जारी करना शामिल है। उन्होंने कहा की हालांकि प्रधानमंत्री ने सकारात्मक संकेत दिए थे परन्तु पैकेज अभी आना बाकी है। उन्होंने कहा की उनकी सरकार केंद्र को सभी राज्यों की मांगों का सामूहिक जवाब देने के लिए समय दे रही है।
राज्य में उद्योग को पुनर्जीवित करने संबंधी पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा की इस समय प्राथमिकता अपनी जान बचाने पर है परन्तु लॉकडाउन के बाद के आर्थिक और उद्योग को पुनर्जीवित करने के मामले को देखने के लिए एक उच्च -शक्तिप्राप्त समिति बनायी जा रही है। उन्होंने बताया की केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद बठिंडा में चार औद्योगिक इकाइयों ने प्रवासी मजदूरों के साथ काम शुरू कर दिया है जो वह अपने काम करने वाले स्थान में रह रहे हैं।
मंडियों में भंडारण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा की अनाज की ढुलायी पंजाब से शुरू हो चुकी है क्योंकि 72 रेलवे रेकों ने गेहूं की ढुलायी की है। उन्होंने कहा की राज्य के पास चावलों के शैलर में नयी फसल के लिए काफी जगह है।
कैनेडा और भारत में और बाहर अन्य स्थानों में फंसे विद्यार्थियों बारे पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा की इस सम्बन्धी प्रार्थनाएं मिल रही हैं परन्तु जब तक यात्रा की पाबंदियां खत्म नहीं हो जातीं, कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा की यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने विद्यार्थियों को जहां वह हैं वहीं रहने की सलाह दी है। परन्तु उन्होंने कहा की वह खासकर विद्यार्थियों के बारे में चिंतित हैं और इस मुद्दे को उचित समय पर केंद्र के पास उठाएंगे।
मुख्यमंत्री ने इस अचानक और अनिर्धारित संकट के कारण अपनी सरकार के मैनिफैस्टो के वायदों के प्रति किसी भी तरह का समझौता करने को रद्द किया और उन्होंने ऐलान किया की सभी वायदे पूरे किये जाएँगे।

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