कोविड-19: गेहूँ की खऱीद प्रक्रिया के दौरान कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने में पंजाब सरकार हुई कामयाब

गेहूँ की खऱीद प्रक्रिया और अन्य राज्यों को ट्रेनों के द्वारा अनाज की सप्लाई में लगे हर व्यक्ति ने सामाजिक दूरी और अन्य सुरक्षा नियमों को अपनाया
सैनेटाईज़ की गईं अनाज की ढुलाई में लगी गाडिय़ाँ
गेहूँ की खऱीद प्रक्रिया के दौरान और राज्य में अनाज के वितरण के मौके पर ईपोस मशीन का नहीं हुआ प्रयोग
चंडीगढ़, 17 मई:
कोविड-19 के ख़तरे के बावजूद देश की सबसे बड़ी गेहूँ की खऱीद प्रक्रिया करने के कार्य के दौरान कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने में पंजाब सरकार कामयाब रही है, जिसके स्वरूप मंडियों के द्वारा कोरोनावायरस के फैलने का एक भी मामला राज्य में सामने नहीं आया।
उक्त प्रगटावा आज यहाँ पंजाब के खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री श्री भारत भूषण आशु ने किया।
उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पंजाब द्वारा राज्य की मंडियों में 135 लाख मीट्रिक टन गेहूँ आने की संभावना जताई गई थी, और इस माहमारी के समय के दौरान इतनी बड़ी खऱीद प्रक्रिया को पूरा करने में हज़ारों लोगों की ज़रूरत थी और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा को यकीनी बनाने की भी बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा कि अब तक 122.91 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खऱीद की जा चुकी है, जो कि कुल खऱीद लक्ष्य का 92 प्रतिशत से अधिक है।
श्री आशु ने कहा कि कोविड-19 की महामारी के मद्देनजऱ किसानों, सरकारी मुलाजि़मों, आढतियों, पल्लेदारों, ट्रक चालक और इस कार्य में लगे लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को यकीनी बनाने के मकसद से राज्य सरकार द्वारा गेहूँ की खऱीद के लिए बीते वर्ष की अपेक्षा खऱीद केंद्रों की संख्या को बढ़ाकर 4000 कर दिया गया। इस खऱीद कार्य में पंजाब सरकार के तकरीबन 5000 अधिकारी / कर्मचारी, 25000 आढ़तिए, तकरीबन 30000 पल्लेदार और 28000 से अधिक ट्रक चालक शामिल थे, जिनकी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए राज्य की मंडियों में सख़्ती से सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रयास किए गए हैं, इस नीति के अंतर्गत मंडियों में 2 मीटर का फासला रखते हुए 30&30 फुट के बॉक्स के निशान लगाए गए, जिनमें गेहूँ की ढेरी उतारी जाती है और सीजन के दौरान सरकार द्वारा गेहूँ की बोली का समय प्रात:काल 10.00 बजे से 6.00 बजे तक का निर्धारित किया गया था। गेहूँ की बोली लगाते समय उचित दूरी रखते हुए गेहूँ की बोली लगाने की हिदायतें की यथवत पालना हुई है। इसके अलावा खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का कोविड-19 के मद्देनजऱ बीमा भी करवाया गया था।
उन्होंने कहा कि कोविड -19 के प्रभाव को रोकने के लिए लेबर / ढुलाई के ठेकेदार द्वारा लेबर को ज़रुरी मास्क मुहैया करवाए गए। खऱीद एजेंसियों / मंडी बोर्ड के नुमायंदों द्वारा मंडियों में काम कर रही लेबर पर ध्यान रखा गया, लेबर को खाँसी, ज़ुकाम और बुख़ार आदि की मैडीकल टीमों द्वारा लगातार जांच की गई। एक मंडी से एक स्टोरेज प्वाइंट के बीच एक रूट और गेहूँ की ढुलाई और समय-समय पर सैनेटाईज़ करवाने, ट्रक चालक / हैल्पर को भी मुँह ढक़ने के लिए मास्क पहनने सम्बन्धी हिदायतों की पालना करवाई गई। इसके अलावा आढतियों द्वारा भी खऱीद के दौरान स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों की यथावत पालना की जा रही है।
तालाबन्दी और कफ्र्य़ू के दौरान देश की खाद्य सुरक्षा को यकीनी बनाने के साथ-साथ दूसरे राज्यों की सहायता के लिए पंजाब सरकार द्वारा अब तक 1350 विशेष रेलगाडिय़ों के द्वारा 34 लाख मीट्रिक टन गेहूँ और चावल भेजे गए हैं, जिसमें 23.5 लाख मीट्रिक टन चावल और 10.5 लाख मीट्रिक टन गेहूँ भेजी गई है।
इस कार्य में भी बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा बड़ी संख्या में पल्लेदार शामिल थे, जिनकी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए विभाग द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए थे। जिस कारण इस कार्य के दौरान स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों की पालना की गई, जिसके स्वरूप इस कार्य के दौरान कोरोनावायरस फैलने की कोई घटना नहीं घटी।
उन्होंने कहा कि खऱीदी गई गेहूँ को गोदामों में पहुँचाने और तालाबन्दी और कफ्र्यू के दौरान देश की खाद्य सुरक्षा को यकीनी बनाने के साथ-साथ दूसरे राज्यों की सहायता के लिए पंजाब सरकार द्वारा अनाज भेजने के लिए प्रयोग में लाईं गाडिय़ों को भी सैनेटाईज़ करना यकीनी बनाया गया था।
श्री आशु ने कहा कि खाद्य विभाग ने इसके अलावा किसानों, आढतियों और सरकारी मुलाजि़मों की सुरक्षा के मद्देनजऱ गेहूँ की खऱीद प्रक्रिया के दौरान और राज्य में अनाज के वितरण के मौके पर ईपोस मशीन के प्रयोग पर रोक लगा दी गई थी, जिससे कोरोनावायरस के फैलाव को रोका जा सके।