किसानों को पराली न जलाने संबंधी जागरूक करने के लिए राज्य भर में हुई जागरूकता रैलियाँ
चंडीगढ़, 18 अक्तूबर:
राज्य भर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों के विद्यार्थियों ने आज पंजाब सरकार की ‘पराली जलाने विरोधी मुहिम’ के दूत बनकर किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए जागरूक करते हुए गली-गली जाकर वातावरण का संरक्षण करने और साफ़ -सुथरा रखने का संदेश दिया।
पंजाब के ग्रामीण इलाकों में स्थित स्कूलों में पढऩे वाले लाखों विद्यार्थियों ने गाँवों में हुई पराली जलाने विरोधी रैलियों में शामिल होकर पंजाब को साफ़-सुथरा, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त रखने का संदेश दिया। यह मुहिम राज्य में पराली जलाने की घटनाओं से निपटने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। मुहिम में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों ने हाथों में पराली जलाने के बुरे प्रभावों को दिखाने वाले बैनर और तख़्तियां लेकर लोगों को पराली न जलाने सम्बन्धी सचेत और जागरूक किया और प्रदूषण के विरुद्ध नारे भी लगाए।
कृषि सचिव श्री काहन सिंह पन्नूू ने बताया कि पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए किये इस उपराले को और कारगर बनाने के लिए सरकार ने राज्य भर के विद्यार्थियों को इस मुहिम में शामिल किया है। आज प्रात:काल 9 से 10 बजे तक पराली जलाने के ग़ैर-सेहतमंद प्रभाव से किसानों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राईमरी, मिडल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों (सरकारी और प्राईवेट) के विद्यार्थियों ने इस मुहिम में हिस्सा लिया। इस रैली के दौरान विद्यार्थियों ने किसानों को पराली जलाने के कारण धरती और वातावरण पर पडऩे वाले बुरे प्रभावों से अवगत करवाया।
इन रैलियों का मुख्य उद्देश्य किसानों को मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने सम्बन्धी जागरूक करने के साथ- साथ वातावरण को साफ़-सुथरा और हरा-भरा रखना है।
विद्यार्थियों ने लोगों को दीवाली के मौके पर पटाख़े न चलाने के लिए भी शिक्षित किया जिससे पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर उनके (गुरू साहब) द्वारा कुदरत की रक्षा के लिए दिए गए संदेश पर सौहार्दता से पैहरा दिया जा सके।

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