अकाली दल को वोट देना, भाजपा को वोट देने के बराबर: राघव चड्ढा

अकालियों और भाजपाइयों के बीच अब भी गुप्त समझौता जारी- राघव चड्ढा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाली दोनों पार्टियों की कमान
सोची समझी योजना के तहत भाजपा अकाली दल में भेज रही है अपने नेता
कृषि कानूनों के कारण भाजपा नेताओं को गांवों में घुसने नहीं दे रहे लोग
चंडीगढ़, 20 अगस्त 2021
आम आदमी पार्टी (आप)ने पंजाब में बड़ी संख्या में भाजपा नेताओं का अकाली दल में शामिल होने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकाली-भाजपा का रिमोट कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। उन्होंने कहा किअकाली दल में भाजपा नेताओं का जाना सोची समझी योजना का नतीजा है। पंजाब के लोगों को इस खतरनाक और नापाक गठबंधन के मंसूबों को समझना चाहिए।
शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पंजाब मामलों के प्रभारी तथा दिल्ली से विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि आज भी पंजाब में अकाली दल और भाजपा का गठबंधन बरकरार है।
पूरी तरह से बादल तथा भाजपा मिल के चुनाव लड़ रहे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले दोनों के बीच सीधा समझौता था, जो अब अप्रत्यक्ष गठबंधन बन गया है।
राघव चड्ढा ने कहा कि काले कृषि कानूनों को लेकर लोग भाजपा से इस कदर नाराज है कि वे भाजपा के किसी भी विधायक, सांसद और नेता को अपने गांवों और कस्बों में घुसने नहीं दे रहे हैं। लोग बीजेपी नेताओं से नफरत करने लगे हैं। अपना दरवाज़ा खोलना तो दूर की बात है, लोग उन्हें अपनी गली और मोहल्ले में भी देखना नहीं चाहते।
ऐसे हालातों में भाजपा सीधे तौर पर चुनाव लडऩे की स्थिति में नहीं है। इसलिए भाजपा तथा अकाली दल ने मिलकर योजना बनाई है कि भाजपा अपने सारे नेताओं व काडर को अकाली दल में भेजेगी। पिछले कुछ समय से भाजपा व अकाली दल इसी योजना को अंजाम देने की कोशिशों में लगे थे। जिसके तहत पूर्व मंत्री,विधायक तथा पदाधिकारी अकाली दल में में शामिल हो रहे हैं।
राघव चड्ढा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति के तहत भाजपा नेता अब अकाली दल की आड़ में लोगों के बीच जाने की फिराक में हैं। हम पंजाब के लोगों को चेतावनी देना चाहते हैं कि आज अकाली दल और भाजपा में कोई अंतर नहीं है। इसलिए अकाली दल को वोट देने का मतलब सीधा सीधा बीजेपी को वोट देना है।
राघव चड्ढा ने कहा कि बादल और भाजपा के बीच संबंध न केवल बरकरार हैं बल्कि गहरे भी हो गए है, क्योंकि पहले भाजपा और अकाली दल गठबंधन के तहत अपनी-अपनी सीटों पर चुनाव लड़ रहे थे लेकिन अब सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा अकाली दल के रूप में चुनाव लड़ रही हैं।
आप नेता चड्ढा ने कहा कि अकाली दल अब प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी बन गई है और 2022 के चुनाव में दोनों पार्टियों का रिमोट कंट्रोल नरेंद्र मोदी के हाथ में होगा।