स. महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने नारायण सिंह चौड़ा को दी गई जमानत की निंदा करते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले की जांच एनआईए को सौंपी जाने की मांग की
चंडीगढ़/ 27मार्च 2025
शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि आम आदमी पार्टी अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए कटटरपंथी अपराधियों के साथ सांठगांठ कर ही और चौड़ा की जमानत हासिल करने के लिए उसने 4 दिसंबर को श्री दरबार साहिब , अमृतसर में स. सुखबीर सिंह बादल पर हुए जानलेवा हमले की जांच को जानबूझकर बाधित किया है।
यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं में सरदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अमृतसर पुलिस ने जानबूझकर श्री दरबार साहिब हमले के पीड़ित सरदार सुखबीर सिंह बादल का बयान तक दर्ज नही किया गया । नेताओं ने कहा ,‘‘ पुलिस ने आम्र्स एक्ट की धारा 39 के तहत मंजूरी भी नही मांगी।’’ नेताओं ने कहा कि जांच में इन दोनों कर्मियों ने नारायण चैड़ा को महज साढ़े तीन महीने में जमानत देने ही रास्ता साफ किया है।
सरदार ग्रेवाल ने जमानत के आदेश पर अफसोस व्यक्त करते हुए कहा,‘‘ न्यायाधीश को मामले में स्वतः संज्ञान लेना चाहि था, क्योंकि घटनाओं के पूरे क्रम को लाइव कवर किया गया था और वे सार्वजनिक दायरे में उपलब्ध थी।’’ अकाली दल को पंजाब पुलिस पर कोई भरोसा नही है, उन्होने कहा,‘‘ हम इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने की मांग करते हैं ताकि इस कृत्य के पीछे के षडयंत्रकारियों का पर्दाफाश किया जा सके।’’
इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि न्यायिक अदालत ने मामले में जमानत देते समय यह भी उल्लेख किया कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पीड़िता को नही दी गई, जबकि उसे मोहाली की फोरेंसिक लैब में जमा किया गया था। अदालत ने अमृतसर पुलिस ने पीड़ित का बयान दर्ज नही करने और न ही आम्र्स एक्ट के तहत मंजूरी मांगने में अमृतसर पुलिस के आचरण पर भी सवाल उठाया।’’
नेताओं ने यह भी कहा कि इस मामले में एफआईआर पुलिस की ओर से नही बल्कि उस पुलिस अधिकारी की ओर से दर्ज की जानी चाहिए जिसने स. सुखबीर सिंह बादल की जान बचाई। उन्होने नारायण चैड़ा के आने जाने में सहायता करने वाले पुलिस सुपरीडेंट के आचरण की जांच करने की भी मांग की।
वरिष्ठ नेताओं ने आप सरकार को चेतावनी दी कि वह उन कटटरपंथियों का समर्थन और उनसे सांठगांठ न करे जो पंजाब में शांति को भंग करने और राज्य में साम्प्रदायिक सदभाव को बिगाड़ने पर तुले हुए हैं।

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