कहा कि सरदार मजीठिया के खिलाफ झूठा मामला दर्ज होने की आशंका
चंडीगढ़, 25 जुलाई 2025
शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ हाल ही में दर्ज आय से अधिक संपत्ति के झूठे मामले में सबूत जुटाने में नाकाम रहने के बाद अब विजिलेंस अधिकारियों ने अकाली नेता के खिलाफ झूठे सबूत बनाने शुरू कर दिए हैं।
यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के मुख्य प्रवक्ता स. अर्शदीप सिंह कलेर और एडवोकेट दमनबीर सिंह सोबती ने कहा कि विजिलेंस ब्यूरों दावों को पुष्ट करने में विफल रहा है कि सरदार मजीठिया से 29 मोबाइल बरामद किए गए थे, जिसमें 141 करोड़ रूपये का लेनदेन, 540 करोड़ रूपये का निवेश और हिमाचल प्रदेश में एक हजार एकड़ जमीन शामिल है। उन्होने कहा कि अब विजिलेंस विभाग लोगों को गलत तरीके से उठा रहा है और उन्हे धारा 164 के तहत बयानों पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रताड़ित कर रहा है। उन्होने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक एस.पी-जी.एस बैंस ने 21 जुलाई को अमृतसर से बलविंदर सिंह और उनके बहनोई मनजिंदर सिंह को उठाया । ‘‘ उन्हें अमृतसर के एक निजी होटल में रखा गया और उन्हे धारा 164 के तहत उनके बयानों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया जिसमें कहा गया था कि उनके दिवंगत भाई रूपिंदर सिंह द्वारा दी गई नकदी से किया गया था। वकीलों ने कहा कि अगले दिन उन्हें मोहाली में विजिलेंस ब्यूरों कार्यालय लाया गया जहां आई.ओ इंद्रपाल सिंह ने गंदी भाषा में फटकार लगाई।
अर्शदीप कलेर और दमनबीर सोबती ने कहा कि इन दोनों व्यक्तियों के परिवार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की । उन्होने कहा,‘‘ हाई कोर्ट ने एक वारंट अधिकारी नियुक्त किया, जिसने एक टीम के साथ मोहाली स्थित विजिलेंस ब्यूरो कार्यालय पर छापा मारा। उन्होने कहा कि जब सरकार को इस घटनाक्रम का पता चला तो उन्हे तत्काल अमृतसर ले जाया गया और विजिलेंस अधिकारियों ने उनके परिवार को यह बयान देने पर मजबूर किया कि वे एक बस में आ रहे हैं और उन्होने ऐसा करने से साफ मना कर दिया।
उन्होने आगे खुलासा किया कि अब वासू पाठक नाम के एक व्यक्ति का बयान दर्ज किया जा रहा है, जिसके तहत वासू को यह बताने के लिए कहा गया कि एक जीता मोड़ ने सरदार बिक्रम मजीठिया से प्राप्त नकदी से निवेश किया था।
उन्होने यह भी खुलासा किया कि महेश पुरी नामक व्यक्ति, जो खुद को एक सेवानिवृत्त सीबीआई अधिकारी और अरविंद केजरीवाल के कानूनी मामलों में सलाहकार बताता है और नियमित रूप से विजिलेंस कार्यालय जाकर पंजाब विजिलेंस अधिकारियों को निर्देश देता कि मामले में कैसे आगे बढ़ने के तरीके बताता है। उन्होने कहा कि विशालजीत सिंह नाम का एक अन्य व्यक्ति भी इस मामले में पंजाब के अधिकारियों को मामले में निर्देश दे रहा था। उन्होने कहा,‘‘ महेश पुरी और विशालजीत सिंह दोनों दिल्ली में रची गई साजिश के तहत अधिकारियों को इस मामले में कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।’’
सरदार मजीठिया की कानूनी टीम ने यह भी खुलासा किया कि अब रवजोत कौर ग्रेवाल और नवीन सिंगला को भी बिना किसी औपचारिक आदेश के टीम में शामिल कर लिया गया है। उन्होने कहा,‘‘ ये लोग स. मजीठिया के खिलाफ सबूत बनाने और गढ़ने के सभी कामों की निगरानी कर रहे हैं। टीम ने कहा कि सबूत इकटठा करने का काम अब पूरा हो चुका है और अब सबूत बनाने की प्रक्रिया चल रही है। उन्हे आशंका है कि पंजाब के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने के लिए हमेशा मुख्यमंत्री भगवंत मान को घेरने वाले स. मजीठिया की आवाज दबाने के लिए उनके खिलाफ तीसरा झूठा मामला दर्ज किया जा सकता है।’’
उन्होने यह भी खुलासा किया कि उनकी टीम के एक वकील को डी.ए मामले की पिछली सुनवाई पर घर में नजरबंद रखा गया था। इसके अलावा, पिछली सुनवाई पर जब सरदार मजीठिया की टीम के वकील के साथ अदालत परिसर में बदसलूकी की गई, तब मोहाली के एसएसपी ने खुद पुलिस टीम की अगुवाई की थी। उन्होने कहा कि उन्होने मामले की सूचना हाईकोर्ट की बार कांउसिल को दे दी है और वे इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगें।
सरदार कलेर ने कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए बदलाखोरी की राजनीति करने में लगी हुई है और आने वाले डेढ़ साल में पंजाबियों को सरकार के विरोधियों के खिलाफ ऐसे कई झूठे मामले देखने को मिल सकते हैं।
उन्होने यह भी खुलासा कि पुलिस ने खन्ना से नवनीत नामक व्यक्ति के नाम पर एक सिम कार्ड बरामद होने की एक नई थ्योरी बनाई है, जबकि सरदार मजीठिया का ऐसे किसी भी सिम से कोई लेना-देना नही है, उसके नाम पर वह नंबर जारी किया गया है और वह ही
उस नंबर का इस्तेमाल करता है।
कानूनी टीम ने दोहराया कि वह इन झूठे मामलों के लिए सरकार से डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार है और सभी मामलों को उनके तार्किक निष्कर्ष तक लेकर जाएगें।

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