पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑरबिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण का कार्य आवंटन के लिए समझौता

Agreement for allocation of work of Haryana Orbital Rail Corridor from Palwal to Sonipat

पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑरबिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण का कार्य आवंटन के लिए समझौता

 चंडीगढ़, 1 अप्रैल- पलवल से सोनीपत तक एक हरियाणा ऑरबिटल रेल कॉरिडोर केन्द्र सरकार से मंजूर करवाकर  इसके निर्माण का कार्य आरम्भ करवाने के लिए राईटस के साथ समझौता  ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

          एक सरकारी प्रवक्ता ने  बताया कि हरियाणा रेल इंफॉस्ट्रक्चर विकास निगम, जो हरियाणा सरकार व रेल मंत्रालय का एक संयुक्त उद्यम भी है ने कल गुरुग्राम अपने कार्यालय में रेलवे इफ्रास्ट्रक्चर  प्रौद्योगिकी व आर्थिक सेवाएं प्रदान करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ‘राईटस’ के साथ इस कोरिडोर के निर्माण के लिए एक समझौता किया है।

          हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड  निगम की ओर से श्री नरेन्द्र डी चुम्बेर, निदेशक (परियोजना एवं योजना) जबकि राईटस की ओर से  श्री पीयूष कंसल, कार्यकारी निदेशक ने हस्ताक्षर किए।

          उल्लेखनीय है कि हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड का गठन  राज्य में रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने व लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए किया गया है। राज्य में बहु-केन्द्रित विकास के माध्यम से लोगों को इको-फे्रन्डली व निर्बाध कनेक्टिविटी मोड की सस्ती एवं सतत परिवहन सेवाएं उपलब्ध करवाना इसका मुख्य उद्देश्य है।

          उल्लेखनीय है कि 15 सितम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गठित आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट कमेटी ने 5617.69 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑरबिटल रेल कॉरिडोर की 121.742 किलोमीटर लंबी दोहरी विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लाइन को स्वीकृति प्रदान की थी।

          हरियाणा ऑरबिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद राज्य में सार्वजनिक आर्थिक विकास सुदृढ़ होगा और बहु-राष्ट्रीय कम्पनियों को विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने की ओर आकर्षित करेगा तथा मेड इन इण्डिया मिशन को भी आगे बढ़ाएगा। इस परियोना से लगभग  76 लाख रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इसके अलावा, यह यात्री व माल गाडिय़ों में दिल्ली में यातायत भार को कम करेगा।

          पलवल से सोनीपत तक का यह कोरिडोर सोहना, मानेसर तथा खरखौदा तक दोहरी विद्युतीकृत ब्रॉड गेज होगा तथा पृथला डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को भारतीय रेलवे  के पलवल, पाटली, सुलतानपुर, आसौदा तथा हरसाना कलां स्टेशनों से निर्बाध कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाएगा। यह परियोजना पांच वर्षों में पूरी होगी तथा इसके लिए एशियन आधारभूत संरचना निवेश बैंक द्वारा फण्ड उपलब्ध करवाया जाएगा।