एम्स बठिंडा का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी के सम्मान में  रखा जाए: बीबा हरसिमरत कौर बादल

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से स्टैंडअलोन चिकित्सा लेबोरेटरियों की  शिकायतों को दूर करने की अपील की

चंडीगढ़/23अगस्त: बठिंडा की सांसद बीबा हरसिमरत कौर बादल ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से एम्स बठिंडा संस्थान का नाम ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के सम्मान में रखा जाने का अनुरोध किया है।

बठिंडा की सांसद ने इस मुददे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात की और कहा कि कि एम्स स्वास्थ्य देखभाल सुविधा का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखना नौंवे गुरु को सच्ची श्रंद्धांजलि होगी, जिन्होने धार्मिक स्वतंत्रता को जलाए रखने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया ताकि आने वाले समय में हमारी पवित्र भूमि पर यह मशाल जलती रहे। उन्होने कहा, ‘‘ देश के सभी लोगों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए गुरु जी की प्रतिबद्धता अद्धितीय है। गुरु जी का बलिदान देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण था और इससे हमारे महान राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया , जो सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करता है।

बीबा बादल ने यह भी बताया कि कृतज्ञ राष्ट्र महान गुरु की 400वीं जयंती मना रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ साथ उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करने में देश का नेतृत्व किया है। उन्होने कहा, ‘‘ इसे ध्यान में रखते हुए मेरा मानना है कि महान गुरु के सम्मान में प्रमुख संस्थान का नामकरण सबसे उपयुक्त होगा’’।

इस बीच सांसद ने स्वास्थ्य मंत्री से देश में स्टैंडअलोन मेडिकल लैब चलाने वाले लैब टेक्नीशियनों की शिकायतों का समाधान करने का भी आग्रह किया है। बीबा बादल ने कहा कि प्रयोगशाला तकनीशियनों को नियंत्रित करने वाले नवीनतम नियमों को नियत्रिंत करने वाले नवीनतम नियमों में बदलाव किया गया है, जिसमें एमबीबीएस/एमडी,पीएचडी और एमएमसी पासआउट द्वारा संचालित चिकित्सा लेबोरेटरियों की केवल तीन श्रेणियों को  ही मान्यता दी गई है।

बीबा बादल ने कहा कि पंजाब में ऐसे पेशेवरों द्वारा केवल एक हजार प्रयोगशालांए चलाई जा रही हैं, जबकि अतिरिक्त 9000 प्रयोगशालाएं बीएससी और डीएमएएलटी डिग्री वाले पेशेवरों द्वारा चलाई जा रही है। उन्होने कहा कि इन पेशेवरों को पंजीकृत प्रयोगशालाओं को नियंत्रित करने वाले पुराने नियमों में शामिल किया गया था, लेकिन अब उन्हे हटा दिया गया है। इन पेशेवरों को भी नए नियमों में शामिल करने का आग्रह करते हुए बीबा बादल ने कहा कि उनके पास पहले से ही पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी प्रदूषण प्राधिकरण प्रमाणपत्र है।

ज्वाइंट एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट मेडिकल लेबोरेटरी एंड एलाइड प्रोफेशनल्स की ओर से इस संबंध में एक मेमोरेंडम सौंपते हुए बीबा बादल ने कहा यदि 2022 तक प्रदूषण प्राधिकरण रखने वाली सभी मौजूदा चिकित्सा प्रयोगशालाओं को मान्यता दी जाती है तो एसोसिएशन को कोई आपत्ति नही है तथा उन्होने मंत्री जी से इस बारे में सहानुभूतिपूर्वक विचार विमर्श करने का आग्रह किया ।

श्री मनसुख मंडाविया ने बीबा बादल को सभी 9000 चिकित्सा प्रयोगशाला तकनीशियनों को पुरानी नीति के अनुसार मान्यता देने का आश्वासन दिया ।

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